मौके पर मिले साक्ष्यों के बिना पर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अपराधियों ने हवलदार की गलाघोंट कर हत्या कर दी फिर साक्ष्य छिपाने की नीयत से शव को जला दिया। फिर वो घर के पिछवाड़े से भाग निकले। घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि हीरा कार्यालय पन्ना में हवलदार बिहारी लाल पांडेय (55 वर्ष) परिजनों संग शहर के टिकुरिया मोहल्ला में किराए के मकान में रहता था। उसका निजी मकान श्रीराम कालोनी में खाली पड़ा है। शनिवार 14 नवंबर की शाम बिहारी लाल खाली पड़े मकान में पूजा करने के लिए आया था। देर शाम घर के अंदर से तेज धुआं और आग की लपटें उठने पर पास पड़ोस के लोग चकित रह गए। उन्होंने फौरन पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचित किया। कालोनी में रहने वाले बिहारी लाल के रिश्तेदार ने हिम्मत दिखाते हुए किसी तरह मकान का दरवाजा तोड़ दिया लेकिन आग की उठती लपटों के कारण वो अंदर नहीं जा सके। फायर ब्रिगेड की टीम ने करीब आधे घंटे की मशक्त के बाद आग पर काबू पाया।
कोतवाली थाना प्रभारी अरुण सोनी व पुलिस की एफएसएल टीम ने अंदर जाकर देखा तो बिहारी लाल का अधजला शव फर्श पर औंधे मुंह पड़ा था। मृतक के गले में पीले रंग के दुपट्टे का फंदा लगा था और पीठ के ऊपर पत्थर की सिल रखी थी। इन तमाम साक्ष्यों के मद्देनजर पीड़ित परिजन इसे प्रथम दृष्टया हत्या का मामला बता रहे थे। उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि, अज्ञात आरोपी मकान के पिछले हिस्से से अंदर दाखिल हुए, फिर गला दबाकर हत्या की गई। अपराध को छिपाने के लिए शव को आग के हवाले कर आरोपी भाग निकले।
चर्चाओं के अनुसार वारदात में किसी करीबी व जानकार व्यक्ति का हाथ हो सकता है। उधर, घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस के द्वारा हर पहलू की गहनता से पड़ताल कर रही है। मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने व मामले की जांच के बाद हवलदार की मौत का सच सामने आने की उम्मीद है।