स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में कोरोना संक्रमण के नौ नए मामले सामने आए हैं। कहा जा रहा है कि सतना में कोरोना जांच के सरकारी आंकड़ों में बहुत कमी दर्ज की गई है, लेकिन कोरोना संक्रमितों की संख्या में एकाएक फिर बढ़ोत्तरी हो रही है।
वैसे ताजा प्रकरण के बारे में बताया जा रहा है कि सतना के अस्पताल चौक और कलेक्ट्रेट के पास दवा की दुकान चलाने वाले अग्रवाल परिवार के सदस्य की जबलपुर में उपचार के दौरान मौत हो गई है। उन्हें कोरोना संक्रमण के कारण जबलपुर ले जाया गया था जहां बीते दिन उनकी मौत हो गई। इसी तरह भरहुत नगर में संचालित एक स्कूल में कार्यरत महिला शिक्षक ने भी कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया। टिकुरिया टोला निवासी शुक्ला परिवार की सदस्य महिला शिक्षक को एक सप्ताह पहले जबलपुर ले जाया गया था।
उधर सतना जिले के स्वास्थ्य विभाग ने अपने बुलेटिन में तीन दिन पहले जबलपुर में ही हुई चितहरा निवासी कुशवाहा परिवार के रिटायर्ड रेल कर्मी की मौत को भी मंगलवार को शामिल किया है। मेडिकल शॉप संचालक और महिला शिक्षक की मौत के बाद कोरोना काल में कोरोना संक्रमण से मरने वाले सतना के लोगों की संख्या अब 72 हो गई है। वहीं कोरोना संक्रमण के नौ नए मामले भी जुड़ गए हैं। महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट के एक और प्रोफेसर कोरोना संक्रमण का शिकार हुए हैं जबकि जानकीकुंड के भी दो कर्मचारियों में वायरस के संक्रमण की पुष्टि जांच में हुई है।
बता दें कि इससे पहले ग्रामोदय विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर की कोरोना से जान जा चुकी है। अब एक और प्रोफेसर के संक्रमित होने की खबर से विश्वविद्यालय में हड़कंप मचा है। उधर अमरपाटन में सेंट्रल बैंक के मैनेजर को भी संक्रमित पाया गया है। मैनेजर में संक्रमण मिलने के बाद बैंक को अगले कुछ दिनों के लिए बंद किए जाने की संभावना जाताई जाने लगी है। उधर जिला अस्पताल में सतना शहर के दो मरीज और मैहर में एक मरीज नया मिला है जबकि रीवा में रामनगर का एक पॉजिटिव केस पाया गया है।
वहीं अब लोग प्रशासनिक रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करने लगे हैं। उनका आरोप है कि कोरोना रिपोर्ट में रोजाना आंकड़ों में फेरबदल हो रहा है। उनका सवाल इस बात पर है कि जब एक दिन पूर्व तक मरने वालों की संख्या 33 थी तो वो अचानक 72 कैसे हो गई है।