हर रोज सुना रहे कहानी
कामता टोला निवासी साठ वर्षीय महेंद्र वर्मा कहते हैं कि इस समय पोते पोती फ्री रहते हैं। दोपहर हो या फिर रात वे साथ में खेलते हैं बैठते हैं। एेसे मैंने उनको कई प्रेरणादायी कहानियां सुनाई। जिसके बच्चे अब आदी हो चुके हैं। किसी भी दिन मैं चूंक जाऊं तो वे मुझे याद दिलाते हैं ।मैं उन्हें प्रकृति, पशु पक्षियों और महापुरुषों की कहानियां सुनाता हंू। जो उन्हे बेहद पसंद आती है। कई बार बच्चे एेसे कहानियों को कई बार सुनने की जिद्द भी करते हैं।
कामता टोला निवासी साठ वर्षीय महेंद्र वर्मा कहते हैं कि इस समय पोते पोती फ्री रहते हैं। दोपहर हो या फिर रात वे साथ में खेलते हैं बैठते हैं। एेसे मैंने उनको कई प्रेरणादायी कहानियां सुनाई। जिसके बच्चे अब आदी हो चुके हैं। किसी भी दिन मैं चूंक जाऊं तो वे मुझे याद दिलाते हैं ।मैं उन्हें प्रकृति, पशु पक्षियों और महापुरुषों की कहानियां सुनाता हंू। जो उन्हे बेहद पसंद आती है। कई बार बच्चे एेसे कहानियों को कई बार सुनने की जिद्द भी करते हैं।
आडियों और वीडियों का भी सहारा
शहर में कुछ एेसे पैरेंट्स हैं जिनके घरों में बुजूर्ग नहीं है। वे ऑडियों और वीडियों के माध्यम से छोटे बच्चों को कहानी सुना कर कुछ न कुछ सीख देते हैं। हर दिन बच्चों को किड्स स्टोरी दिखाते हैं जिसे बच्चे बड़े चाव से देखते हैं और वैसे ही कैरेक्टर को फॉलो करते हैं। ऑडियों वीडियों के चलते बच्चे इन कहानियों को बहुत ही अच्छे से समझ पाते हैं। कहानियों के ये हैं फायदे रचनात्मक सोच और कल्पना का विकास शब्दकोष में बढ़ोत्तरी कल्पनाशक्ति में वृद्धि संचार कौशल का विकास होता है बच्चों में सांस्कृतिक समझ आती है सुनने के कौशल का विकास सीखने की प्रक्रिया में तेजी आती है
शहर में कुछ एेसे पैरेंट्स हैं जिनके घरों में बुजूर्ग नहीं है। वे ऑडियों और वीडियों के माध्यम से छोटे बच्चों को कहानी सुना कर कुछ न कुछ सीख देते हैं। हर दिन बच्चों को किड्स स्टोरी दिखाते हैं जिसे बच्चे बड़े चाव से देखते हैं और वैसे ही कैरेक्टर को फॉलो करते हैं। ऑडियों वीडियों के चलते बच्चे इन कहानियों को बहुत ही अच्छे से समझ पाते हैं। कहानियों के ये हैं फायदे रचनात्मक सोच और कल्पना का विकास शब्दकोष में बढ़ोत्तरी कल्पनाशक्ति में वृद्धि संचार कौशल का विकास होता है बच्चों में सांस्कृतिक समझ आती है सुनने के कौशल का विकास सीखने की प्रक्रिया में तेजी आती है