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फसल नुकसान के दावे को प्रशासन ने झुठलाया, रिपोर्ट में लिखा-कोई नुकसान नहीं

locationसतनाPublished: Oct 14, 2019 01:24:04 am

Submitted by:

Ramashankar Sharma

सत्ताधारी कांग्रेस सहित विपक्षी भाजपा ने सरकारी सर्वे को नकाराकहा, प्रशासन ने तैयार की गलत रिपोर्ट, आफत में अन्नदाता

The administration has rejected the claim of crop loss

The administration has rejected the claim of crop loss

सतना. इस वर्ष की बारिश में किसान, नेता और जनप्रतिनिधि भले ही यह कह रहे कि फसलों का काफी नुकसान हुआ है। बारिश से 70 फीसदी उड़द और मूंग बर्बाद हो गई तो सोयाबीन की फसल को 50 फीसदी का नुकसान हुआ। पर, प्रशासन की नजर में ऐसा कुछ नहीं। जिले से जो रिपोर्ट राहत आयुक्त को भेजी गई है उसके अनुसार फसलों को बारिश से एक भी नुकसान नहीं हुआ है।
पत्रिका के पास मौजूद 24 सितंबर की वह रिपोर्ट जिसे अपर कलेक्टर के हस्ताक्षर से राहत आयुक्त को भेजा गया है उसे अगर सही मानें तो जिले में बारिश से किसी भी फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ है। रिपोर्ट बताती है कि लघु एवं सीमांत किसानों की किसी भी प्रकार की फसल में कोई नुकसान नहीं हुआ। यहां तक कि 25 से 33 फीसदी भी नुकसान होना जिला प्रशासन नहीं मान रहा। यही स्थिति 2 हैक्टेयर से ज्यादा जमीन वाले किसानों की है। जिला प्रशासन ने सभी तहसीलों में सभी फसलों का नुकसान का आंकड़ा निरंक बताया है। जबकि, सांसद गणेश सिंह ने बारिश से दलहनी फसलों को काफी नुकसान होने का दावा करते हुए राहत राशि दिलाने की मांग की थी। रैगांव की कांग्रेसनेत्री जिपं सदस्य कल्पना वर्मा का भी कुछ ऐसा ही दावा था। उन्होंने विगत दिवस कलेक्टर से मिलकर फसलों में भारी नुकसान होने की बात कह राहत राशि दिलाने की मांग की थी।
ऐसी है किसानों की हालत

किसानों की मानें तो उड़द और मूंग की फसल में 70 फीसदी तक का नुकसान हुआ है। सोयाबीन की फसल में भी 50 फीसदी का नुकसान हैं। किसानों के अनुसार सोयाबीन की फसल अफलन का भी शिकार हुई है। ऐसे में जो किसान राहत राशि की आस लगाए बैठे हैं उनके लिये यह खबर अरमानों पर पानी फेरने वाली है।

” घर में बैठकर बनाई गई रिपोर्ट में नहीं दिखेगा। अफसर खेतों में जाएं तो पता चले कि नुकसान कैसे और कितना हुआ है। किसान की उड़द और मूंग नष्ट हो गई है। यह गलत रिपोर्ट है और किसान के हितों पर कुठाराघात है।”
नरेन्द्र त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष भाजपा
” हमारे पास किसान लगातार उड़द, मूंग, तिल, सोयाबीन फसल नुकसान के मामले में पहुंच रहे हैं। हमने खुद भी खेत में जाकर नुकसान देखा है। जैसा बताया जा रहा है कि प्रशासन की रिपोर्ट में किसी फसल को नुकसान नहीं दिखाया गया है, हम सहमत नहीं हैं।”
दिलीप मिश्रा, जिलाध्यक्ष कांग्रेस

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