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सतना

पुरुस्कार व्यक्ति विशेष का नहीं बल्कि टीम वर्क के लिए होता है: धर्मवीर

राष्ट्रपति वीरता पदक से सम्मानित किए जाएंगे पुलिस अधीक्षक, अब तक दो वीरता पदक, सराहनीय सेवा पुरुस्कार के साथ सीएम एवार्ड मिल चुका

सतनाJan 26, 2021 / 12:02 am

Dhirendra Gupta

The award is not for a person but for teamwork: Dharamvir

The award is not for a person but for teamwork: Dharamvir

सतना. केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपति का वीरता पदक देने की घोषणा की गई है। जिसके लिए पुलिस अधीक्षक सतना धर्मवीर सिंह का नाम भी चयन किया गया है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्हें सम्मानित किया जाएगा। इस पदक के लिए डीआईजी अरविंद सक्सेना का नाम भी शामिल है।
30 मई 2017 को भोपाल के हमीदिया अस्पताल में फैली साम्प्रदायिक हिंसा को अभूतपूर्व साहस दिखाते हुए नियंत्रित करने और दंगों को शांत कराने के लिए उन्हें इस अवार्ड के लिए चुना गया है। तब वह भोपाल जोन-4 के एडिशनल एसपी थे। दूसरी बार राष्ट्रपति वीरता पुरुस्कार से नवाजे जा रहे धर्मवीर सिंह का कहना है कि पुरुस्कार व्यक्ति विशेष का नहीं होता बल्कि टीम वर्क के लिए मिलता है।
हिंसा शांत करने मिला अवार्ड
भोपाल के हमीदिया अस्पताल को 600 बेड का बनाने के लिए निर्माण चल रहा था। जिसका एक मेडिकल स्टोर खाली होने पर रमजान के महीने में कुछ लोगों ने उसे मस्जिद बना लिया और नमाज पढऩे लगे। यहीं पास के एक मंदिर में भी यह सब देख पूजा पाठ शुरू हुआ तो हिंसा भड़कने लगी। 30 मई 2017 को हजारों लोग इस हिंसा का हिस्सा बन गए। तब कई राउंड गोली और टीयर गैस फायर करते हुए पुलिस टीम ने अभूतपूर्व साहस दिखाकर तनावपूर्ण माहौल को शांत कराया था। इसी मामले में मप्र शासन ने पुरुस्कार के लिए प्रस्ताव केन्द्र को भेजा था।
2013 में पहला अवार्ड
पुलिस अधीक्षक सतना धर्मवीर सिंह वर्ष 2008 से 2013 तक भोपाल के एंटी टेरेरिज्म स्क्वायड में बतौर एसपी ऑपरेशन रहे। तब देश के अलग अलग शहरों में बम ब्लास्ट करने वाले मुजाहिदीन आतंकियों के मॉड्यूल को ध्वस्त करते हुए उनके 8 आतंकी पकड़े थे। इसके लिए वर्ष 2013 में पहली बार राष्ट्रपति वीरता पदक से नवाजा गया। इसी साल मप्र के मुख्यमंत्री ने प्रतिबंधित सिमी संगठन के सदस्यों को पकडऩे और उनका नेटवर्क ध्वस्त करने के लिए सम्मान करते हुए पिस्टल का पुरुस्कार दिया। इसके बाद वर्ष 2015 में राष्टपति से मिलने वाले सराहनीय सेवा पुरुस्कार के लिए चुना गया। यह पुरुरूकार 20 साल की सेवा के बाद मिलता है। बीते छह साल से मेडल ऑफ गैलेन्ट्री के लिए मप्र से कोई नाम नहीं आया। अब 2021 में यह अवार्ड मिल रहा है।
संदेश-
धर्मवीर सिंह कहते हैं कि सेवक हैं, अच्छी सेवाएं देंगे तो विभाग और शासन स्तर पर मान्यता मिलती है। पुरुस्कार मिला ना केवल अपने लिए प्रेरण देता है ल्कि सभी केेलिए प्रेरक होता है। पुलिस का काम चुनौतीपूर्ण है इसलिए अपने विवेक और हालातों को देख सही निर्णय ही कामयाबी तक ले जाता है।
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