scriptयहां जब्त हो जाती है बेराजगारों की जमानत राशि | The bail amount of the unemployed is seized here | Patrika News

यहां जब्त हो जाती है बेराजगारों की जमानत राशि

locationसतनाPublished: Mar 02, 2020 12:13:13 pm

Submitted by:

Dhirendra Gupta

नौकरी के नाम पर धाखाधड़ी कर रही कंपनी, रकम वापस मांगने पर होती है मारपीट, कई युवक कर चुके हैं लिखित शिकायत

The bail amount of the unemployed is seized here

The bail amount of the unemployed is seized here

सतना. कोलगंवा थाना क्षेत्र में संचालित एक कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी और ठगी की शिकायत फिर से की गई है। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। शुरुआती जांच में यह पता चला है कि कंपनी बेरोजगार लोगों का नेटवर्क तैयार कर उनसे जमानत राशि के नाम पर हजारों रुपए की रकम लेती है और फिर उन्हें काम भी नहीं देती। काम न मिलने पर जो लोग अपना पैसा वापस मांगते हैं उनके साथ मारपीट की जाती है। अब तक यह कंपनी सैकड़ों लोगों को नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपए बटोर चुकी है।
यह मामला नई बस्ती स्थित ग्लेज ट्रेडिंग इंडिया नाम की कंपनी से जुड़ा हुआ है। ए1/175 मेन नजफगढ़ रोड जनकपुरी दिल्ली के रजिस्टर्ड पते वाली इस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के असली मालिक मुखिया कौन हैं? यहां किसी को इसकी जानकारी नहीं है। पुलिस इस बारे में पता लगा रही है। जो शिकायतकर्ता पुलिस के सामने आए हैं उनके मुताबिक उमेश पटेल और हिमांशु भटनागर इस कंपनी का संचालन यहां कर रहे हैं। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि कंपनी के लोग अपने प्रोडक्ट बेचने के नाम पर बेरोजगारों को मुफ्त रहने खाने की सुविधा के साथ हर महीने आकर्षक वेतन देने का वादा करते हैं। जो लोग नौकरी की चाहत में इनके झांसे में आ जाते हैं उन्हें प्रोडक्ट के लिए सुरक्षा निधि के तौर पर पैसे जमा करने को कहा जाता है। थाने में इस आशय की शिकायत की गई है कि कंपनी ने हजारों रुपए लेने के बाद काम नहीं दिया, कंपनी के लोग पैसा भी नहीं लौटा रहे हैं। उल्टा उनके द्वारा मारपीट की जा रही है।
पीडि़तों ने यह बताया
रीवा जिले के सिमरिया के रहने वाले सुखेंद्र राजपाली ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया है कि उन्होंने कंपनी से संबंधित सौरभ ठाकुर को लाखों रुपए दिए हैं जो अब उनके द्वारा लौटाए नहीं जा रहे हैं। जब उनसे पैसा वापस मांगा गया तो उनके द्वारा मारपीट की गई। इसकी सूचना कंपनी के अन्य अधिकारियों को दी गई लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। सुखेंद्र के मुताबिक कंपनी के लोग बेरोजगारों की चैन तैयार कर पैसा बटोर रहे हैं। उनके द्वारा टीम लीडर को अपने नीचे अन्य लोगों को जोडऩे के लिए कहा जाता है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी आईडी में कुछ लोगों को जोड़ता जाता है। जो लोग जुड़ते हैं वह पैसा जमा करते हैं। यह सिलसिला यहां लंबे समय से चल रहा है लिहाजा कंपनी सैकड़ों लोगों की चैन तैयार कर लाखों करोड़ों रुपए बटोर चुकी है। पता चला है कि अकेले सुखेंद्र राजपाली के नीचे आधा सैकड़ा लोगों को जोड़कर उनसे लाखों रुपए जमा कराए गए हैं। सुखेंद्र ने इस बारे में स्टांप पेपर में लिखित तौर से कहा है कि कंपनी के सौरभ ठाकुर के पास यह पैसा जमा है।
महिलाएं भी झांसे में आई
ग्लेज ट्रेडिंग इंडिया कंपनी के खिलाफ लक्ष्मण दहिया की शिकायत है कि इन्होंने कंपनी में नौकरी के लिए 12000 रुपए दिए थे फिर भी काम नहीं मिला और अब पैसा भी वापस नहीं किया जा रहा है। इनका कहना है कि उनके एक रिश्तेदार राजबहादुर के 24000 रुपए भी इसी तरह कंपनी में फंसे हुए हैं। एक महिला मनोज देवी ने बताया कि वह अपनी परिचित ममता सिंह के माध्यम से इस कंपनी में गई थी। कंपनी में उनसे 14000 रुपए नौकरी के लिए मांगे गए इसमें से 5000 उन्होंने अमरनाथ सिंह को दिए और 9000 कंपनी ने अपने खाते में जमा कराए। ना तो काम मिला और ना ही पैसा वापस किया जा रहा है। महिला ने इस आशय की जानकारी पुलिस को दी है। शिकायत करने वाले हीरालाल, सीताराम, छोटेलाल, पुष्पेंद्र, बालकृष्ण चौधरी एवं तरुण कुमार सहित अन्य लोगों ने आरोप लगाया है कि अपना पैसा वापस मांगने पर कंपनी के सौरभ सिंह, राजेश अहिरवार, सूरज एवं हरदयाल अहिरवार ने मारपीट की है।
ऐसे खुली पोल…
ग्लेज कंपनी का कार्यालय यहां लंबे समय से चल रहा है। कंपनी के अंदर का गड़बड़झाला कई बार बाहर आया लेकिन पुलिस के पास मामला पहुंचते ही बात दब जाती है। बताते हैं कि हनुमान नगर नई बस्ती निवासी कालीचरण अहिरवार पुत्र बाबूलाल अहिरवार ने 17 जनवरी को एक शिकायत पुलिस अधीक्षक कार्यालय में करते हुए कहा था कि बालेंद्र नामदेव एवं दिनेश दहायत द्वारा उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है, यह लोग उनके नाम से मोबाइल का दुरुपयोग भी कर रहे हैं। इस शिकायत को एसपी ने कोलगवां थाने में भेजते हुए त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए थे जिस पर टीआई ने मामले की जांच उपनिरीक्षक एमएल रावत को सौंपी। जब उन्होंने छानबीन की तो पता चला कि शिकायतकर्ता कालीचरण के खिलाफ ही कई शिकायतें हैं। गहन छानबीन में तस्वीर साफ होती गई और कंपनी के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर एक-एक कर कई लोग सामने आने लगे। जांच अधिकारी अभी संबंधित कर्मचारियों एवं शिकायत कर्ताओं के बयान दर्ज कर रहे हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही कंपनी के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया जा सकता है।
किसका कितना जमा
शिकायत के आधार पर आशीष गौतम 17000, सीताराम प्रजापति 12000, सुदामा 17000, रेखा प्रजापति 12000, पुष्पेंद्र 12000, देवेंद्र सिंह 12000, रवि सिंह 12000, पुष्पेंद्र कुमार 12000, राणा 12000, शुभम दाहिया 17000, केशव सिंह परमार 17000, छोटू मिश्रा 17000, हीरालाल 12000, हिमांक प्रजापति 12000, फुल्लू प्रजापति 10000, कमलेश दहिया 12000, अजीत 15000, कमलेश चौधरी 17000, पुष्पेंद्र पाल 17000, शिवम विश्वकर्मा 12000, रामजी विश्वकर्मा 17000, बालकिशन चौधरी 12000, छोटेलाल 12000, अरुण प्रजापति 17000, राजेश अहिरवार 15000, सनत बागरी 17000, मुनीश दहिया 17000, रणबीर दहिया 12000, निखिल 12000, पदम विश्वकर्मा 12000, योगेंद्र सिंह के 5000 रुपए जमा हैं। यह सूची उन लोगों की है जिनके बारे में सुखेंद्र राज पाली द्वारा बताया गया है। इन चंद नामों का ताल्लुक एक अकेले सुखेंद्र से था। इस लिहाज से अनुमान लगाया जा सकता है कि सैकड़ों टीम लीडर के नीचे कितने लोगों ने कितनी बड़ी राशि कंपनी को अब तक में दे डाली है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो