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आर्मी वाले रुतबे में घूमता था ठगी करने वाला ब्रिगेडियर

locationसतनाPublished: Aug 13, 2019 11:58:41 pm

Submitted by:

Dhirendra Gupta

पुलिस की गिरफ्त में आया ठगी करने वाला ब्रिगेडियर, नौकरी का लालच देकर लेता था रकम, होटल में युवाओं को बना लेता था बंधक, मप्र व उप्र के कई युवाओं से कर चुका है ठगी, मैहर कोतवाली पुलिस ने किया गिरफ्तार

The brigadier used to roam in army status

The brigadier used to roam in army status

सतना. खुद को ब्रिगेडियर बताकर सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला मैहर कोतवाली पुलिस के हत्थे चढ़ा है। अब तक दर्जनों बेरोजगार युवआें से लाखों की ठगी कर चुका यह व्यक्ति अपना नाम भी फर्जी बताता था। जब पुलिस ने इसे पकड़ा तो पता चला कि यह आर्मी की नंबर प्लेट व फ्लैग लगी गाड़ी से घूमता था। इसलिए लोग आसानी से इसके चंगुल में फंस जाते थे। उप्र के कुछ लोगों ने जब इस फर्जी ब्रिगेडियर के बारे में मप्र पुलिस को बताया तो पुलिस ने इसे पकडऩे के लिए जाल बुना। जिसमें पहले को फर्जी ब्रिगेडियर का साथी फंसा फिर असल ठग गिरफ्त में आ गया। एसडीओपी मैहर हेमंत शर्मा और टीआई कोतवाली मैहर डीपीएस चौहान ने खुलासा करते हुए बताया कि बीते तीन महीनों में ही इस ठग ने सेना में क्लर्क की नौकरी दिलाने के नाम पर 8 लोगों से 44 लाख रुपए ठगे हैं।
ढाबा में किया लेन-देन
पुलिस का कहना है कि फरियादी चंद्रभान सिंह पुत्र स्व. कड़ेदीन सिंह निवासी हेतापट्टी थाना थरवई जिला इलाहाबाद उत्तरप्रदेश ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। चंद्रभान ने बताया कि करीब तीन माह पूर्व मैहर के तृप्ति ढाबा के पास अपने आपको ब्रिगेडियर सूर्यभान सिंह निवासी हैदराबाद के बताने वाले व्यक्ति ने उसके पुत्र, भतीजे व अन्य परिचितों सहित 8 लोगों को सेना में क्लर्क के पद पर भर्ती करने के नाम पर 44 लाख रुपए लिए हैं। फर्जी ब्रिगेडियर ने अपने साथी अजय तिवारी के साथ मिलकर रकम लेने के बाद लड़को को ट्रेनिंग का बहाना बताकर बंधक बना लिया।
फूफा बनकर आया पत्रकार
जब एसपी रियाज इकबाल को इस बारे में खबर दी गई तो उन्होंने योजना बनाते हुए अपराधी को पकडऩे के लिए टीम बनाई। उप्र के एक पत्रकार और पीडि़त भी पुलिस के साथ रहे। पहले से फर्जी ब्रिगेडियर के जाल में फंस चुके एक व्यक्ति ने फोन पर बताया कि उसके पास दो लोग हैं जिन्हें नौकरी चाहिए। इनका काम होने से उसकी फंसी हुई रकम वापस मिल जाएगी। एेसे में फर्जी ब्रिगेडियर तैयार हुआ और वह सक्रिय हो गया। इधर, पुलिस भी अपनी तैयारी में थी। पीडि़तों के साथ उप्र के जौनपुर से आए एक पत्रकार सुनील कुमार शुक्ला ने फूफा की भूमिका अदा कर फर्जी ब्रिगेडियर से बात की। दो लोगों की नौकरी के लिए 6-6 लाख में सौदा तय हुआ। इसमें 4-4 लाख पहले देना था। लेकिन रकम देने वालों ने कहा कि वह दोनों का 6 लाख रुपए पहली किस्त में देंगे। पुलिस के इस जाल में सबसे पहले ब्रिगेडियर का साथी अजय तिवारी पुत्र स्वामीदीन तिवारी (23) निवासी गढ़हरा थाना रामपुर नैकिन जिला सीधी पकड़ा गया। इसने बताया कि ब्रिगेडियर सूर्यभान सिंह का असली नाम दयाशंकर शर्मा पुत्र कौशल प्रसाद शर्मा (48) निवासी कटहरा थाना रामपुर नैकिन जिला सीधी है। यह जानने के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आइपीसी की धारा 419, 420, 170, 171, 468, 471, 473 के तहत अपराध कायम किया है।
वर्दी में खींचता था फोटो
पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी दयाशंकर उर्फ सूर्यभान की होटलों में अच्छी पैठ है। वह अहमदाबाद, जबलपुर, सतना, मैहर, शहडोल, ब्योहारी में दबदबा बनाए था। रकम लेने के बाद एक वेबसाइट के जरिए भर्ती की सूचना देता था। इसके बाद लड़कों को बुलाकर होटल में ठहराता था। वहीं बंधक बनाए रखते हुए वर्दी में युवकों की फोटो खींच उनके परिजनों को भेजी जाती थी। ताकि यकीन हो जाए कि सेना में भर्ती हो गई है। सिर्फ रविवार के दिन ही युवकों की परिजनों से बात कराई जाती थी। लेकिन डरे सहमे युवक असल बात नहीं बता पाते थे। फिर छुट्टी देकर युवाओं को उनके घर भेज देता था।
11 हजार की दक्षिणा
फर्जी ब्रिगेडियर ने प्रयागराज में पहला निशाना पूजा कराने वाले पुजारी को बनाया। हनुमान मंदिर में पूजन के बाद उसने 11 हजार रुपए की दक्षिणा चढ़ाई। यह देखते ही पुजारी भी भौचक्का ररह गया और उसे लगा कि कोई बड़ा अफसर है। पुजारी को अपनी बातों में फंसा कर ठग ने बताया कि वह ब्रिगेडियर है और उसके बेटे को सेना में नौकरी पर लगवा देगा। यहां से खेल शुरू करने के बाद ठग ने पुजारी और उसके कई रिश्तेदारों से मोटी रकम वसूली।
इस टीम ने पकड़ा ठग
लाखों की ठगी करने वाले फर्जी ब्रिगेडियर और उसके साथी को पकडऩे में एसउीओपी मैहर हेमंत शर्मा,टीआइ मैहर कोतवाली देवेन्द प्रताप सिंह चौहान, एसआइ जेपी वर्मा, एसएस चौहान, एएसआइ एनएस सेंगर, आरक्षक संजय तिवारी, प्रमोद गुप्ता, रविशंकर, त्रिभुवन मिश्रा, शिवम तिवारी, नीरज सिंह, अनिल द्विवेदी, सायबर सेल प्रभारी एसआइ अजीत सिंह की अहहम भूमिका रही। इस टीम को एसपी रियाज इकबाल ने 10 हजार रुपए कका नकद इनाम देने के लिए कहा है।
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