यह है मामला पता चला है कि प्रहरी सुशांत सोंधिया की ड्यूटी 5 जून की रात 2 से सुबह 6 बजे तक नवीन आमद को रखने के लिए आइसोलेशन सेक्टर में निर्धारित की गई थी। आइसोलेशन सेक्टर में सुबह के वक्त 6 से 8 बजे तक सर्किल में ड्यूटी करने के लिए दण्डित बंदी सुखचैन उर्फ छोटू कोल पहुंचा। तभी प्रहरी ने बंदी छोटू को गांजा उपलब्ध कराया।
बंदी ने बंदी को पकड़ा जब ड्यूटी पूरी कर बंदी छोटू नवीन खण्ड के शारदा सेक्टर के 3/5 की ओर जा रहा था तभी नवीन खण्ड फाटक में तैनात दण्डित बंदी महेन्द्र तिवारी ने तलासी ली। तलासी केे दौरान सुखचैन उर्फ छोटू के दाहिने पैर के घुटने के नीचे पॉलीथिन में बंधा गांजा बरामद हुआ। गांजा बड़ी मात्रा में था लेकिन जेल प्रबंधन ने मात्रा 20 ग्राम ही दर्शाई है। नवीन खण्ड चक्कर के प्रभारी द्वारिका प्रसाद चतुर्वेदी ने गांजा की खबर सुन पूछताछ की तो बंदी छोटू ने प्रहरी सुशांत से 1500 रुपए में 20 ग्राम गांजा लेने की बात कही। एेसे में प्रहरी को निलंबित कर दिया गया।
जेल में अफसरों का खेल खबर है कि केन्द्रीय जेल में अफसरों के बीच ही तनातनी का माहौल चल रहा है। अब तक दण्डित बंदी सुखचैन की इस तरह तलासी नहीं ली जाती थी जैसी अब हुई। वह अष्टकोण अधिकारी का खास बंदी माना जाता है। इधर प्रहरी चतुर्वेदी को इस बात की भनक थी इसलिए उसने सही मौका पाकर गांजा के इस अवैध कारोबार का खुलासा कर दिया।