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सतना

रोते हुए बच्चों की मां को जागरूक करने से बढ़कर कोई पूजा नहीं: डॉ. भार्गव

पोस्टर से समझाया स्तनपान का महत्व
 

सतनाAug 08, 2019 / 10:20 pm

Jyoti Gupta

The importance of breastfeeding explained in the poster

The importance of breastfeeding explained in the poster

 सतना. जिले में संस्थागत प्रसव तो 80 प्रतिशत से अधिक है, किंतु बच्चे के जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराने का प्रतिशत मात्र 33 है जो चिंतनीय है। आज हम चांद व मंगल तक पहुंच गए हैं, किंतु स्तनपान को लेकर हमारे समाज में आज भी भ्रातियां व जनजागरुकता की कमी है।
यह बात बुधवार को महिला बाल विकास द्वारा आयोजित विश्व स्तनपान सप्ताह के जागरुकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रीवा कमिश्नर डॉ. अशोक भार्गव ने कही। उन्होंने कहा कि रोते बच्चों की मां को जागरूक करने से बढ़कर कोई पूजा नहीं हैं। क्लिंटन फ ाउंडेशन के संभागीय समन्वयक रविरंजन ने पीपीटी प्रस्तुतिकरण से स्तनपान के महत्व पर प्रकाश डाला। महिला बाल विकास जिला के जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह ने छात्राओं से कहा कि भले ही स्तनपान सप्ताह खत्म हो गया हो पर हम सबको मिलकर गर्भवती महिलाआें के बीच में जाकर समय-समय पर खानपान और स्तनपान की जानकारी देनी होगी। स्तनपान विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता हुई जिसमें अलमीन परवीन को पहला, आकांक्षा तिवारी को सेकंड, पूजा अहिरवार को थर्ड पुरस्कार दिया गया। इस मौके पर गल्र्स कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. नीलम रिछारिया, क्लिंटन के जिला समन्वयक अनित दीक्षित, कॉलेज की प्राध्यापिका राजनिधि सिंह, डॉ. सुचिता तिवारी, महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक, स्वास्थ्य विभाग की आईसीवीएफ की डॉक्टर्स व नर्स मौजूद रहीं।
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