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कालिंजर नरसंहार का इनामी बदमाश गिरफ्तार

locationसतनाPublished: Nov 26, 2019 12:28:33 pm

Submitted by:

Dhirendra Gupta

पुलिस अभिरक्षा से सात साल से फरार था 65 हजार का इनामी बदमाश, उप्र की स्पेशल टास्क फोर्स की पकड़ में आया आरोपी, बरौंधा इलाके में कर चुका कई संगीन वारदात, उप्र व मप्र में दर्ज हैं डेढ़ दर्जन मुकदमें

The prize crook of Kalinjar massacre arrested

The prize crook of Kalinjar massacre arrested

सतना. मप्र और उप्र के इलाकों में कई सनसनीखेज वारदातों को अंजाम दे चुके अंतर्राज्यीय गिरोह के इनामी बदमाश को उप्र की स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किया है। सात साल पहले पुलिस अभिरक्षा से फरार हुए इस बदमाश को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया गया है। उप्र एसटीएफ ने इस अपराधी के बारे में सोमवार को खुलासा किया है।उप्र एसटीएफ के अनुसार, मप्र और उप्र में हत्या, डकैती की सनसनीखेज घटनाओं को अंजाम देने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का सदस्य अनुराग मिश्रा उर्फ राजू उर्फ अभय सिंह पुत्र दादूराम उर्फ बैजनाथ निवासी तरहटी थाना कालिंजर जनपद बांदा मुठभेड़ में पकड़ा गया है। इसकी गिरफ्तारी के लिए उप्र से 50 हजार रुपए और मप्र की ओर से 15 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने आरोपी के कब्जे से 32 बोर की पिस्टल, 3 जिंदा कारतूस, 2 खोखा कारतूस, 3 मोबाइल फोन, मतदाता पहचान पत्र और 1190 रुपए नकद जब्त किए हैं।
कालिंजर रोड पर नरसंहार
एसटीएफ ने खुलासा करते हुए बताया कि 23 जनवरी 2003 की सुबह करीब 9 बजे जनपद बांदा के कालिंजर थाना क्षेत्र में कालिंजर किले की रोड पर अज्ञात बदमाशों ने नीलकंठ महाराज का दर्शन कर लौट रहे बारातियों पर अंधाधुंध फयरिंग करते 6 लोगों को मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया था। जबकि 2 लोगों ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इस वारदात में कई अन्य लोग घायल हुए थे। इस नरसंहार से पूरा इलाका थर्रा उठा था। इस वारदात के बाद थाना कालिंजर में 23 जनवरी को वादी छेदी लाल द्विवेदी की तहरीर पर धारा 147, 148, 149, 504, 307, 302 आइपीसी व 10/12 डीए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। विवेचना में पता चला कि सूचीबद्ध गिरोह आइएस 221 के पप्पू यादव गैंग के सदस्य पप्पू यादव, अनुराग मिश्रा, विजय यादव, छोटा यादव, राम सुजान आदि ने वारदात की है।
स्टेशन से भागा था आरोपी
न्यायालय ने इस मामले में अनुराग मिश्रा समेत 4 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सजा कीखबर पाते ही न्यायालय पेशी से लौट रहा अभियुक्त अनुराग मिश्रा वर्ष 2012 में मानिकपुर रेलवे स्टेशन से पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था। आरोपी के भागने पर थाना जीआरपी मानिकपुर में धारा 222, 223, 224 आइपीसी के तहत मामला कायम किया गया था। पुलिस के तमाम प्रयास के बावजूद आरोपी गिरफ्तार नहीं हो सका और 2012 से अब तक फरार चल रहा था। पुलिस अभिरक्षा से फरार इस बदमाश की गिरफ्तारी के लिए पुलिस महानिदेशक उप्र ने वर्ष 2016 में 50 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया था। इसके अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन ने भी मप्र के मुकदमों में फरार रहने के कारण 15 हजार का इनाम घोषित किया था।
अफसरों ने दिया था टास्क
आरोपी अनुराग के लगातार फरार होने पर इसकी गिरफ्तारी का टास्क एसटीएफ उप्र को सौंपा गया। आइजी एसटीएफ उप्र अभिताभ यश, एसएसपी एसटीएफ उप्र राजीव नारायण मिश्र ने एसटीएफ की प्रयागराज फील्ड इकाई को अपराधी की सूचना देते हुए ठोस कार्यवाही के निर्देश दिए थे। जिसके बाद एसपी एफसटीएफ वाराणसी/ प्रयागराज अमित कुमारके निर्देश में अपर एसपी नीरज कुमार पाण्डेय व पुलिस उपाधीक्षक पर्यवेक्षण नवेन्दु कुमार ने अपनी टीम की मदद से आरापी की जानकारी जुटाना शुरू किया। एसटीएफ को खबर लगी कि आरोपी अनुराग मिश्रा उप्र के जनपद महोबा, मप्र के जनपद छतरपुर और उत्तराखण्ड के चम्पावत जनपद में नाम बदल-बदल कर रहता है। थोड़े- थोड़े अंतराल पर अपना ठिकाना और मोबाइल नंबर बदलता रहता है। खबर यह भी मिली कि वह प्रयागराज के नैनी जेल के कुछ शतिर अपराधियों के सम्पर्क में है और उनसे मिलने भी आया करता है।
एसटीएफ पर चलाई गोली
सोमवार को मुखबिर से सूचना मिली थी कि आरोपी अनुराग मिश्रा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के मकसद से थाना नैनी क्षेत्र में नए यमुना पुल के पास अरैल क्षेत्र में आने वाला है। इस सूचना पर एसटीएफ फील्ड इकाई प्रयागराज के निरीक्षक अतुल कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम को थाना नैनी क्षेत्र में भेजकर घेराबंदी कराई गई। दोपहर करीब सवा ३ बजे लेप्रोसी चौराहे से अरैल जाने वाले नवनिर्मित मार्ग पर टीम ने उसे घेरकर पकडऩे का प्रयास किया गया तो बदमाश ने एसटीएफ टीम पर पिस्टल से फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें एसटीएफ बल बाल-बाल बचा। इस बीच एसटीएफ ने जबावी फायर करते हुए बदमाश को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में आरोपी ने एसटीएफ को बताया कि वह दसवीं फेल है। वह सात बहनों का अकेला भाई है, इसलिए माता-पिता लाड़ला था। कुख्यात डाकू पप्पू यादव उसी के गांव का रहने वाला था, जिससे उसकी दोस्ती बचपन से हो गई थी। बड़ा होने पर यह भी पप्पू यादव के गैंग में सम्मिलित हो गया और धीरे-धीरे अपराध की दुनिया में बड़ा नाम हो गया। पप्पू यादव के साथ मिलकर उसने जनपद बांदा, सतना और पन्ना में कई सनसनीखेज अपराध किए। मानिकपुर से पुलिस अभिरक्षा से फरार होने के बाद उसने अपनी पूर्व प्रेमिका से शादी कर ली, जिससे उसकी दो पुत्रियां हैं। उसने अपनी पत्नी और बच्चों को नाम पता बदल कर जनपद महोबा के चरखारी क्षेत्र में रखा है।
बरौंधा में चार अपराध
उप्र एसटीएफ ने बताया कि आरोपी अनुराग ने मप्र के बरौंधा थाना अंतर्गत चार अपराध किए हैं। अपराध क्रमांक 72/2000 में आइपीसी की धारा 395, 397, अपराध क्रमांक 34/08 में धारा 342, 294, 323, 506, 34 आइपीसी, 35/08 में धारा 386, 506, 34 आइपीसी, अपराध क्रमांक 43/12 में धारा 147, 148, 149, 307 व 25/27 आम्र्स एक्ट के तहत मामला दर्ज है। इसी तरह जीआरपी मानिकपुर में एक अपराध, थाना कालिंजर में 10 अपराध, रैपुरा में एक अपराध, कोतवाली बांदा में एक अपराध दर्ज है। बजकि गिरफ्तारी के वक्त मुठभेड़ होने पर आरोपी के खिलाफ प्रयागराज नैनी थाना में 307 आइपीसी व 3/25 आम्र्स एक्ट के तहत अपराध कायम किया गया है।
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