जिस पंचायत में फरार डकैत ने की मजदूरी, वहां की सरपंच है डकैत गौरी की बहन
सतनाPublished: Feb 19, 2021 07:19:04 pm
पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद पहुंची पुलिस, सरपंच-रोजगाहर सहायक की भूमिका संदिग्ध, पड़मनिया जागीर में बड़े फर्जीवाड़े की आशंका
The robber’s sister is a sarpanch, gang members are working as laborer
सतना. पुलिस रिकॉर्ड में फरार इनामी डकैत जिस ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के तहत मजदूरी कर रहा है उस पंचायत की सरपंच भी प्रभावशील है। पता चला है कि सरपंच कोई सामान्य महिला नहीं है बल्कि अंर्तराज्जीय डकैत गौरी यादव की सगी बहन है और फरार आरोपी भालचंद्र उसी के ससुराल पक्ष का रिश्तेदार है। एेसे में अब मनरेगा के तहत मजदूरों से कराए जाने वाले काम और उन्हें मिलने वाली मजदूरी में बड़े फर्जीवाड़े का आशंका पैदा हो गई है। अब प्रशासन चाहे तो ग्राम पंचायत पड़मनिया जागीर के रिकॉर्ड खंगालते हुए जांच कर सकता है कि कब से कब तक किस मजदूर ने कितना और कहां काम किया है। फिलहाल तो फरार इनामी डकैत की रिश्तेदारी का खुलासा होने के बाद एक यह बात तो तय हो गई है कि कहीं ना कहीं जातीय संरक्षण के कारण इनामी बदमाश पुलिस के हाथ नहीं लग रहे हैं। फरार इनामी बदमाश भालचंद्र की मनरेगा में मजदूरी के बारे में पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस फिर से सक्रिय हुई और पड़मनिया जागीर में दबिश देकर भालचंद्र की तलाश की गई लेकिन वह नहीं मिल सका। साथ ही सरपंच उर्मिला यादव, उसके पति राजनारायण यादव और अन्य ग्रामीणों से पूछताछ करते हुए सभी को हिदायत दी गई है कि अपराधियों को संरक्षण देने पर वह भी कार्रवाही के दायरे में आएंगे।
यह है मामला
9 महीने पहले 16 मई 2020 को जिले के मझगवां थाना में ग्राम जिल्लहा निवासी सौखी लाल कोरी पुत्र बेला कोरी ने रंगदारी वसूली के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें कुख्यात इनामी डकैत गौरी यादव समेत अवधेश यादव, मोनू गुप्ता, हीरालाल यादव, रामजी यादव, रामभवन मवासी उर्फ उरमलिया एवं भालचंद्र यादव के खिलाफ अपराध क्रमांक 38/2020 में आइपीसी की धारा 386, 387 एवं 11/13 एडी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था। इस अपराध के आरोपी गौरी यादव, रामजी यादव एवं भालचंद्र यादव का फरारी में 5 अक्टूबर 2020 को न्यायालय में चालान पेश किया गया था। पांच हजार रुपए का इनामी आरोपी भालचंद्र उप्र के इलाके में पाण्डेय के नाम से जाना जाता है।
पंचायत में फर्जीवाड़ा
एक तरफ जहां बीते लगभग 9 माह से पुलिस भालचंद्र यादव को तलाश रही है वहीं दूसरी ओर मझगवां विकासखंड की ग्राम पंचायत पड़मनिया जागीर से सामने आए दस्तावेज इस बात की गवाही दे रहे हैं कि भालचंद्र यादव मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत में मजदूरी कर रहा है, इस मजदूरी का उसे पारिश्रमिक भी दिया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि कई ग्रामीण एेसे हैं जिनके जॉब कार्ड सरपंच सचिव अपने पास रखकर मजदूरी में उनके नाम चढ़ा लेते हैं। जब राशि भुगतान होती है तो उसमें बराबर का कमीशन संबंधित व्यक्ति से ले लिया जाता है। अब यह मामला खुलने के बाद जांच का विषय है कि आखिर एेसे कितने लोग हैं।
गौरी का जीजा है इनामी बदमाश
सूत्रों के अनुसार, मप्र और उप्र में वांटेड डकैत गौरी यादव की बहन उर्मिला यादव पड़मनिया जागीर की सरपंच है। उर्मिला के चाचा ससुर रामऔतार का पुत्र भालचंद्र है। यानि भालचंद्र रिश्ते में गौरी का जीजा हुआ। इस तरह जातीय संरक्षण देते हुए अपराधियों को सुरक्षित किया जा रहा है और पुलिस इनकी तलाश में दिन रात एक कर रही है।