scriptमच्छरों से मुकाबला करने के लिए तैयार नगर निगम की फॉगिंग मशीन, 7 साल बाद सड़क पर उतरी | the Satna sleuth who slept with ease after seven years | Patrika News

मच्छरों से मुकाबला करने के लिए तैयार नगर निगम की फॉगिंग मशीन, 7 साल बाद सड़क पर उतरी

locationसतनाPublished: Feb 21, 2019 01:25:05 pm

Submitted by:

Sukhendra Mishra

अधिकारियों के आवासों में धुआं कर लिया ट्रॉयल

the Satna sleuth who slept with ease after seven years

the Satna sleuth who slept with ease after seven years

सतना। डेंगू-चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारी के संक्रमण का शिकार हो रही शहर की जनता को इस साल मच्छरों के डंक से राहत मिल सकती है। सात साल से बिगड़ी नगर निगम की फॉगिंग मशीन एक बार फिर मच्छरों से मुकाबला करने सड़क पर उतर आई है। यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो गर्मी का मौसम शुरू होते ही रात की नींद -हराम करने वाले मच्छरों से शहर की जनता को राहत मिल सकती है।
फॉगिंग मशीन की मरम्मत के बाद बुधवार को नगर निगम ने उसे सड़क पर उतार दिया। स्वच्छता अधिकारी बृजेश मिश्रा की निगरानी में बुधवार की शाम फॉगिंग मशीन का ट्रॉयल लिया गया। मशीन से धुआं करने की शुरुआत निगम आयुक्त संदीप जी राजप्पा के बंगले से हुई।
आधा घंटे तक मशीन का ट्रायल

मशीन सिविल लाइन स्थित अधिकारियों के आवासों में जाकार फॉगिंग की। आवास के साथ ही सिविल लाइन की सड़कों पर भी फॉगिंग मशीन से धुआं किया गया। अधिकारियों की निगरानी में कलेक्टर बंगले से लेकर एसपी बंगले तक मच्छर रोधी धुएं की फॉगिंग कर लगभग आधा घंटे तक मशीन का ट्रायल लिया गया।
प्रति घंटा 3500 रुपए
मशीन का संचालन करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि फॉगिंग मशीन एक घंटे में 50 लीटर डीजल खाती है। यदि इसे प्रतिदिन एक घंटे चलाया जाए तो फागिंग में निगम को प्रतिदिन 3500 रुपए खर्च करने होंगे। स्वच्छता अधिकारी ने कहा कि फॉगिंग मशीन से दवा का छिड़काव करना बहुत महंगा पड़ेगा। इसका उपयोग उन कॉलोनियों में किया जाएगा, जहां पर मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप होगा।
कॉलोनियों में फागिंग
मशीन का ट्रॉयल लेने के बाद स्वच्छता अधिकारी ने कहा, फॉगिंग मशीन कॉलोनियों के लिए तैयार है। निगमायुक्त के निर्देश पर जल्द ही इसे फॉगिंग के लिए कालोनियों में उतारा जाएगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो