फॉगिंग मशीन की मरम्मत के बाद बुधवार को नगर निगम ने उसे सड़क पर उतार दिया। स्वच्छता अधिकारी बृजेश मिश्रा की निगरानी में बुधवार की शाम फॉगिंग मशीन का ट्रॉयल लिया गया। मशीन से धुआं करने की शुरुआत निगम आयुक्त संदीप जी राजप्पा के बंगले से हुई।
आधा घंटे तक मशीन का ट्रायल मशीन सिविल लाइन स्थित अधिकारियों के आवासों में जाकार फॉगिंग की। आवास के साथ ही सिविल लाइन की सड़कों पर भी फॉगिंग मशीन से धुआं किया गया। अधिकारियों की निगरानी में कलेक्टर बंगले से लेकर एसपी बंगले तक मच्छर रोधी धुएं की फॉगिंग कर लगभग आधा घंटे तक मशीन का ट्रायल लिया गया।
प्रति घंटा 3500 रुपए
मशीन का संचालन करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि फॉगिंग मशीन एक घंटे में 50 लीटर डीजल खाती है। यदि इसे प्रतिदिन एक घंटे चलाया जाए तो फागिंग में निगम को प्रतिदिन 3500 रुपए खर्च करने होंगे। स्वच्छता अधिकारी ने कहा कि फॉगिंग मशीन से दवा का छिड़काव करना बहुत महंगा पड़ेगा। इसका उपयोग उन कॉलोनियों में किया जाएगा, जहां पर मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप होगा।
मशीन का संचालन करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि फॉगिंग मशीन एक घंटे में 50 लीटर डीजल खाती है। यदि इसे प्रतिदिन एक घंटे चलाया जाए तो फागिंग में निगम को प्रतिदिन 3500 रुपए खर्च करने होंगे। स्वच्छता अधिकारी ने कहा कि फॉगिंग मशीन से दवा का छिड़काव करना बहुत महंगा पड़ेगा। इसका उपयोग उन कॉलोनियों में किया जाएगा, जहां पर मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप होगा।
कॉलोनियों में फागिंग
मशीन का ट्रॉयल लेने के बाद स्वच्छता अधिकारी ने कहा, फॉगिंग मशीन कॉलोनियों के लिए तैयार है। निगमायुक्त के निर्देश पर जल्द ही इसे फॉगिंग के लिए कालोनियों में उतारा जाएगा।
मशीन का ट्रॉयल लेने के बाद स्वच्छता अधिकारी ने कहा, फॉगिंग मशीन कॉलोनियों के लिए तैयार है। निगमायुक्त के निर्देश पर जल्द ही इसे फॉगिंग के लिए कालोनियों में उतारा जाएगा।