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व्यापारियों ने रोकी डाक तो गुस्साए किसानों ने मंडी में जड़ा ताला

locationसतनाPublished: Jul 02, 2019 01:10:51 am

Submitted by:

Sukhendra Mishra

इ-अनुज्ञा का विरोध कर रहे व्यापारी सचिव की समझाइस पर माने, दोपहर 1.30 बजे से शुरू हुई नीलामी

व्यापारियों ने रोकी डाक तो गुस्साए किसानों ने मंडी में जड़ा ताला

व्यापारियों ने रोकी डाक तो गुस्साए किसानों ने मंडी में जड़ा ताला

सतना. अनाज खरीदी व्यवस्था में पारदर्शिता लाने मंडी बोर्ड ने 1 जुलाई से प्रदेश की सभी मंडियों को ऑनलाइन कर दिया है। अब किसी भी व्यापारी को मंडी समिति आफलाइन अनुज्ञा जारी नहीं करेगी। मंडी बोर्ड की इस नई व्यवस्था का विरोध करते हुए सोमवार को कृषि उपज मंडी समिति सतना के व्यापारियों ने अनाज खरीदी बंद कर दी। ऑनलाइन अनुज्ञा की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग पर अड़े व्यापारियों ने दोपहर तक खरीदी नहीं की। जब एक बजे तक डाक की नीलामी नहीं हुई तो गुस्साए किसानों ने मंडी गेट पर तालाबंदी कर दी। किसानों का कहना था कि बगैर पूर्व सूचना के व्यापारी अनाज खरीदी बंद नहीं कर सकते। किसानों का विरोध प्रदर्शन देख मंडी प्रशासन एवं व्यापारी बैकफुट पर आ गए। मंडी सचिव ने व्यापारियों को दूसरी मंडियां चालू होने का हवाला देते हुए डाक नीलामी शुरू करने के निर्देश दिए। मंडी सचिव की समझाइस के बाद दोपहर 1.30 बजे व्यापारी चबूतरों पर पहुंचे तक कहीं जाकर ढाई घंटे की देरी से अनाज की डाक नीलामी शुरू हुई।
किसान हुए परेशान
व्यापारियों द्वारा इ-अनुज्ञा के विरोध में दोपहर तक डाक नीलामी न करने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा। किसानों ने डाक नीलामी के लिए मंडी गेट में तालाबंदी की तब कहीं जाकर ढाई घंटे की देरी से अनाज की खरीदी शुरू हुई। डाक देरी से चालू होने के कारण अनाज की तौल एवं भुगतान पाने किसानों को देर शाम तक मंडी में रुकना पड़ा। भुगतान देरी से मिलने के कारण कई किसान गांव वापस नहीं जा पाए और उन्होंने मंडी में ही रात गुजारनी पड़ी।
क्या है इ-अनुज्ञा
व्यापारियों द्वारा किसानों को भुगतान के बाद मंडी समिति द्वारा उन्हें अनाज मंडी से बाहर ले जाने की लिखित अनुमति प्रदान की जाती है। इसे ही अनुज्ञा पत्र कहा जाता है। मंडी बोर्ड ने खरीदी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने एवं मंडी शुल्क की चोरी रोकने १ जुलाई से इस अनुज्ञा पत्र जारी करने की व्यवस्था को ऑनलाइन कर दिया। इसे इ-अनुज्ञा नाम दिया गया है।
इ-अनुज्ञा के लाभ

मंडियों में ऑनलाइन अनुज्ञा पत्र जारी होने से अब व्यापारियों को अनुज्ञा के लिए मंडी कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे। व्यापारी घर बैठे कम्प्यूटर या मोबाइल में खरीदी के डाटा फीड कर स्वयं अपना अनुज्ञा पत्र जारी कर सकते हैं। इस नई व्यवस्था व्यापारी किसानों का भुगतान नहीं रोक पाएंगे।
रुकेगा फर्जीवाड़ा
मंडियों में अनुज्ञा पत्र ऑनलाइन बनने से अब कोई भी व्यापारी मंडी शुल्क की चोरी नहीं कर पाएगा। मंडी में अनाज की नीलामी अनुबंध पत्र एवं भुगतान का पूरा लेखा जोखा ऑनलाइन फीड होने के बाद ही व्यापारी की इ-अनुज्ञा बनेगी। इससे वह अनाज खरीदी को लेकर किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेगे।
फैक्ट फाइल

अनाज की आवक 5500 बोरा
अनाज की खरीदी 30-40 गाड़ी

अनुज्ञा पत्र जारी 35-50

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