व्यापारियों द्वारा इ-अनुज्ञा के विरोध में दोपहर तक डाक नीलामी न करने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा। किसानों ने डाक नीलामी के लिए मंडी गेट में तालाबंदी की तब कहीं जाकर ढाई घंटे की देरी से अनाज की खरीदी शुरू हुई। डाक देरी से चालू होने के कारण अनाज की तौल एवं भुगतान पाने किसानों को देर शाम तक मंडी में रुकना पड़ा। भुगतान देरी से मिलने के कारण कई किसान गांव वापस नहीं जा पाए और उन्होंने मंडी में ही रात गुजारनी पड़ी।
व्यापारियों द्वारा किसानों को भुगतान के बाद मंडी समिति द्वारा उन्हें अनाज मंडी से बाहर ले जाने की लिखित अनुमति प्रदान की जाती है। इसे ही अनुज्ञा पत्र कहा जाता है। मंडी बोर्ड ने खरीदी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने एवं मंडी शुल्क की चोरी रोकने १ जुलाई से इस अनुज्ञा पत्र जारी करने की व्यवस्था को ऑनलाइन कर दिया। इसे इ-अनुज्ञा नाम दिया गया है।
मंडियों में अनुज्ञा पत्र ऑनलाइन बनने से अब कोई भी व्यापारी मंडी शुल्क की चोरी नहीं कर पाएगा। मंडी में अनाज की नीलामी अनुबंध पत्र एवं भुगतान का पूरा लेखा जोखा ऑनलाइन फीड होने के बाद ही व्यापारी की इ-अनुज्ञा बनेगी। इससे वह अनाज खरीदी को लेकर किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेगे।
अनाज की खरीदी 30-40 गाड़ी अनुज्ञा पत्र जारी 35-50