बता दें कि जिला अस्पताल के लेबर रूम और गायनी ओपीडी में चिकित्सकों की मनमानी और लापरवाही का खुलसा पत्रिका ने क्रमश: 9 जून और 12 जून को किया था। इसके बाद प्रबंधन ने सफाई दी थी कि गायनी और लेबर रूम में तैनात चिकित्सकों के अवकाश निरस्त कर दिए गए हैं। लेकिन हकीकत यह थी कि कोई भी चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं लौटा। चिकित्सकों की कमी के चलते सीएमएचओ द्वारा पेरीफेरी के चिकित्सकों की अस्पताल में ड्यूटी लगाई गई थी। लेकिन वे भी अस्पताल नहीं पहुंच रहे थे।
निजी क्लीनिक और नर्सिंग होम में सेवा लोगों ने शिकायत दर्ज कराई कि जिन चिकित्सकों का स्वास्थ्य महकमे द्वारा अवकाश स्वीकृत किया गया है वे अस्पताल से अवकाश लेकर निजी चिकित्सा संस्थान में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। बकायदा ओपीडी सहित ओटी में पीडि़तों को चिकित्सा व परामर्श प्रदान कर रहे हैं।
ड्यूटी पर नहीं लौटे तो सख्त कार्रवाई
जिला अस्पताल प्रबंधन ने चिकित्सकों की नाफरमानी को गंभीरता से लिया है। प्रबंधन की सख्ती के बाद कुछ चिकित्सक तो ड्यूटी पर लौट आए हैं। लेकिन मेडिकल ऑफिसर डॉ सुनील पाण्डेय, डॉ जसपाल बीना और डॉ आरके तिवारी अभी भी अवकाश से नहीं लौटे हैं। एेसे में सीएस डॉ एसबी सिंह ने सभी चिकित्सकों को 24 घंटे के अंदर ड्यूटी में उपस्थित होने का फरमान जारी किया है। निर्देश का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
जिला अस्पताल प्रबंधन ने चिकित्सकों की नाफरमानी को गंभीरता से लिया है। प्रबंधन की सख्ती के बाद कुछ चिकित्सक तो ड्यूटी पर लौट आए हैं। लेकिन मेडिकल ऑफिसर डॉ सुनील पाण्डेय, डॉ जसपाल बीना और डॉ आरके तिवारी अभी भी अवकाश से नहीं लौटे हैं। एेसे में सीएस डॉ एसबी सिंह ने सभी चिकित्सकों को 24 घंटे के अंदर ड्यूटी में उपस्थित होने का फरमान जारी किया है। निर्देश का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।