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अब फिल्मी पर्दे पर दिखेगा मुकुंदपुर का व्हाइट टाइगर सफारी, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी ब्रांडिंग

locationसतनाPublished: Dec 23, 2019 12:24:01 pm

Submitted by:

suresh mishra

– टाइगर सफारी और रेलवे स्टेशन पर शूट किए गए ‘द व्हाइट टाइगर’ के दृश्य- दिल्ली की आइटॉप कंपनी के लिए फिल्म बनाने जर्मनी के डायरेक्टर की मौजूदगी में हुई शूटिंग

'The White Tiger' Documentary film shoot in mukundpur satna mp

‘The White Tiger’ Documentary film shoot in mukundpur satna mp

सतना/ महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव ह्वाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर की ब्रांडिंग अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी। दिल्ली की फिल्म निर्माण कंपनी आइटॉप ने ‘द व्हाइट टाइगर’ नाम की फिल्म की शूटिंग की। करीब चार घंटे से अधिक समय तक अलग-अलग कैमरों से शूटिंग की गई। इसके लिए कंपनी के लोगों के साथ ही जर्मनी से आए डायरेक्टर ने भी अपने हिसाब से फिल्म की शूटिंग कराई।
60 मिनट की डाक्यूमेंट्री फिल्म की रविवार को रीवा रेलवे स्टेशन पर कई दृश्य शूट किए गए। इसमें रीवा-जबलपुर ट्रेन शटल में डी-5 के यात्री भी दिखाई देंगे। इससे पहले रविवार को मुुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी में शूटिंग हुई थी। प्रोडक्शन हाउस के राहुल सोनी ने बताया कि डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जा रही है। फिल्म में व्हाइट टाइगर सफारी की शूटिंग के लिए शनिवार को दिल्ली से पूरा सेट लेकर पहुंचे थे।
इसमें 100 से अधिक कर्मचारी शामिल थे। टाइगर सफारी की शूटिंग होने के बाद रेलवे स्टेशन के बाहर का परिदृृश्य शूट किया गया है। इसके बाद शटल सवारी गाड़ी में प्लेटफार्म व स्टेशन का दृश्य शूट किया है। रास्ते में पडऩे वाले स्थानों एवं खेत-खलिहानों की भी शूटिंग की गई। रेलवे स्टेशन पर फिल्म की शूटिंग की अनुमति के लिए फिल्म निर्माण कंपनी ने पांच लाख रुपए जमा किए हैं। अनुमति मिलने के बाद शूटिंग की गई।
फिल्म देखने के बाद दूसरे देशों से लोग आएंगे
बताया गया कि कंपनी को पहले 22 दिसंबर से 29 दिसंबर के मध्यम शूटिंग करने की अनुमति मुख्य वन संरक्षक रीवा की ओर से दी गई थी। कंपनी ने 19 दिसंबर से 22 दिसंबर के मध्यम शूटिंग की अनुमति चाही। जिस पर पूर्व में जारी अनुमति को संशोधित करते हुए नया आदेश जारी किया गया। चिडिय़ाघर और व्हाइट टाइगर सफारी में इस तरह व्यवसायिक फिल्मांकन के लिए एक दिन का 40 हजार रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है। प्रोफेशनल फिल्म शूटिंग का यह पहला घटनाक्रम रहा है। इसके पहले यूट्यूब और अन्य टेलीफिल्मों की शूटिंग होती रही है। जर्मन से आए डायरेक्टर ने कहा है कि प्राकृतिक वातावरण में व्हाइट टाइगर के संरक्षण के यह बेहतर स्थल है। इसे देखने के लिए दूसरे देशों से भी लोग आएंगे।
ट्रेन विलंब होने से शटल में किया शूट
बताया जा रहा कि फिल्म निर्माता कंपनी को आनंद विहार एस-5 कोच में शूटिंग करने की अनुमति मिली थी। इसके लिए कोच भी बुक किया गया था, लेकिन आनंद विहार ट्रेन अचानक विलंब हो जाने के कारण फिल्म प्रोडेक्शन ने जबलपुर रीवा गाड़ी में फिल्म शूट किए जाने का निर्णय लिया। शूटिंग के लिए सभी लोग शटल में सवार हो गए। रास्तें में भी शूटिंग की और फिर सभी दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
झारखंड के बच्चे की जिज्ञासा पर आधारित है कहानी
द व्हाइट टाइगर फिल्म में जो शूटिंग मुकुंदपुर में हुई है, उसमें झारखंड के एक बच्चे के मन की जिज्ञासा पूरी करने का फिल्मांकन हुआ है। कहानी में झारखंड के बच्चे को व्हाइट टाइगर के बारे में जानकारी मिलती है तो पहले लोगों से जानकारी लेता है तो पता चलता है कि रीवा से पूरी दुनिया में व्हाइट टाइगर भेजे गए हैं तो वह रीवा पहुंचने की ठान लेता है। ट्रेन से वह प्रयागराज पहुंचता है, इसके बाद रीवा आता है। यहां से मुकुंदपुर पहुंचकर बाघ को देखता है और गौरव की अनुभूमि करता है। बताया गया है कि एक आठ वर्ष और दूसरे 16 वर्ष के बच्चे पर यह कहानी फिल्माई गई है। बाद में डायरेक्टर तय करेंगी की कौन से कहानी फिल्म का हिस्सा होगी।
कई भाषाओं में होगी रिलीज
व्हाइट टाइगर पर आधारित यह फिल्म कई भाषाओं में रिलीज होगी। वाइल्ड लाइफ को लेकर भी एक बड़ा संदेश देने की तैयारी की गई है। हिन्दी और अंग्रेजी के साथ ही विदेश की कुछ भाषाओं पर भी रिलीज करने की तैयारी है। फिल्म से जुड़े लोगों ने कहा है कि जब तक निर्माण पूरा नहीं हो जाता, कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
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