पति की दीर्घ आयु के लिए महिलाओं ने रखा व्रत, मनाया तीजड़ी पर्व
सतनाPublished: Aug 29, 2018 03:24:40 pm
महिलाओं नें माता तीजड़ी की सुबह की पूजा
The women kept a fast for the long life of her husband, celebrated Tij
सतना। पति की दीर्घ आयु के लिए ङ्क्षसधी समाज की महिलाओं ने तीजड़ी पर्व भक्ति भाव के साथ मनाया। सुबह चार बजे से घरों में तीजड़ी माता की पूजा अर्चना शुरु कर दी थी। इस मौके पर सिंधी समाज की महिलाएं उपवास रहीं और चंद्रमा को देखकर व्रत खोलनें का वचन लिया । तीजड़ी के व्रत को लेकर सिंधी कैम्प में उत्सव जैसा माहौल रहा। वहीं व्रत रखने वाली महिलाओं ने हाथों में मेहंदी लगवाई हुई थी और सोलह श्रंगार में सभी माताएं रहीं।
मीठी जल-फल का लगाया भोग :
सिंधी समाज के पंडित घनश्याम शर्मा एवं पं. प्रशांत श्रृंगी ने संयुक्त रूप से बताया कि इस दिन सभी सुहागिन महिलाएं हाथो में मेहंदी लगाती है और अपने पति की सुखद मंगल कामना उनकी दीर्घायु, वैवाहिक जीवन में सुख-शान्ती – समृद्धि के लिए यह व्रत रख गया। प्रात: 4 बजे इस व्रत की शुरुआत हो गई थी। महिलाएं सोलह श्रृंगार करके माता टिजड़ी को मीठा जल, फ ल के साथ भोग लगाकर कथा सुनी गई। टिजड़ी के रूप में माता गौरी की पूजा की गई और उन्हें गीत गाकर झूले में झुलाया गया। रात्रि में चंद्रमा के दर्शन व पूजा अध्र्य देकर अपना व्रत छोड़ा जाएगा।
हालांकि इस व्रत को कुंवारी कन्याएं भी रख सकती हैं, ऐसी मान्यता है कि जिन कन्याओं की शादी नहीं हुई है या विवाह में विलंब हो रहा है, यदि वह कजली तीज व्रत करती हैं तो उन्हें जल्द ही सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है।
वैसे यह व्रत करवा चौथ की तरह ही होता है। इसमें पूरे दिन व्रत रखा जाता हैं।कजली तीज के दिन जौ, गेहूं, चने और चावल में घी और मेवा मिलाकर तरह-तरह के पकवान भी बनाये जाते ह, इस दिन महिलाएं झूला झूलती हैं और लोक गीतों मंगल भजन गाकर झूमती हैं ।
इनका कहना है :
– इस व्रत के लिए घर में सुबह से पूजा अर्चना के बाद घर के अन्य कार्य में जुट गए। सुबह सूर्य निकलने से पहले हम लोगों पूजा शुरु कर दी थी। दिन भर घर में पूर्जा-अर्चना का माहौल रहा।
– पलक रिझवानी, पुष्पराज कालोनी
– इस व्रत का इंताजर हमें साल भर रहता है। घर में पूजा जैसा माहौल बन जाता है। यह हमारे परिवार का प्रमुख त्यौहार है। परिवार के सभी महिला सदस्य शामिल रही।
– मीना साजवानी ,सिंधी कैम्प
– यह त्योहार परिवार के प्रमुख पति की सुख समृद्धि का है। हम लोगों के लिए इस त्योहार का विशेष महत्व है। दिन भर हम लोग पूजा के साथ वृत की तैयारी में लगे रहते हैं।
-सीता देवी बजाज, सिंधी कैम्प