मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर प्रयास होंगे, हवाई सेवा की बड़ी उड़ान के लिए कबायदें होंगी। ऐसे तमाम कदम है, जिससे माना जा सकता है कि वर्ष 2018 सतना के सपनों को पूरा करने वाला वर्ष होगा। विकास की दौड़ में उम्मीदों को पंख लगेंगे और हम सभी साक्षी होंगे।
1. रेलवे…
विंध्य के रेल यात्रियों को इस साल रेलवे से कई सुविधाएं मिलने के आसार हैं। सतना-रीवा रेल लाइन के दोहरीकरण में चल रही तेजी बरकरार रही तो यह काम भी पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही कैमा स्टेशन का विस्तार व पन्ना-सतना रेललाइन में काम शुरु होगा। आधा दर्जन नए रेल स्टेशन आकार लेंगे। मानिकपुर से कटनी रेल लाइन इलेक्ट्रीफिकेशन को साल के अंत तक पूरा करने की बात कही जा रही है। सतना जंक्शन में जहां तक यात्री सुविधाओं का सवाल है, यहां बीते साल के अधूरे सभी प्रोजेक्ट इस साल पूरे होंगे। बजट, ठेकेदारों की मनमानी व रेल अधिकारियों के चलते अटके लिफ्ट, एसी वेटिंग हाल, एस्क्लेटर आदि इस साल यात्रियों को सौगात के रूप में मिलेगी। वृद्ध व बीमार लोगों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे में जाने के लिए सतना स्टेशन के प्लेटफॉर्म १ में प्रस्तावित एक्कलेटर का कहीं कोई दावा किया जा रहा है कि इस साल जल्द तैयार हो जाएगा। यही हाल स्टेशन के लिए सौगात बताई जाने वाली लिफ्ट का है। अपर क्लॉस वेटिंग रूम का निर्माण तेजी से चल रहा है जो जल्द ही पूरा होने वाला है। वहीं सेपरेट लेडीज वेटिंग रूम में महिलाओं को अलग से बैठने का इंतजाम भी इसी साल होना है। स्टेशन में वाई-फाई की सुविधा व सीसीटीवी कैमरों से निगरानी इसी माह शुरु हो जाएगी।
विंध्य के रेल यात्रियों को इस साल रेलवे से कई सुविधाएं मिलने के आसार हैं। सतना-रीवा रेल लाइन के दोहरीकरण में चल रही तेजी बरकरार रही तो यह काम भी पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही कैमा स्टेशन का विस्तार व पन्ना-सतना रेललाइन में काम शुरु होगा। आधा दर्जन नए रेल स्टेशन आकार लेंगे। मानिकपुर से कटनी रेल लाइन इलेक्ट्रीफिकेशन को साल के अंत तक पूरा करने की बात कही जा रही है। सतना जंक्शन में जहां तक यात्री सुविधाओं का सवाल है, यहां बीते साल के अधूरे सभी प्रोजेक्ट इस साल पूरे होंगे। बजट, ठेकेदारों की मनमानी व रेल अधिकारियों के चलते अटके लिफ्ट, एसी वेटिंग हाल, एस्क्लेटर आदि इस साल यात्रियों को सौगात के रूप में मिलेगी। वृद्ध व बीमार लोगों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे में जाने के लिए सतना स्टेशन के प्लेटफॉर्म १ में प्रस्तावित एक्कलेटर का कहीं कोई दावा किया जा रहा है कि इस साल जल्द तैयार हो जाएगा। यही हाल स्टेशन के लिए सौगात बताई जाने वाली लिफ्ट का है। अपर क्लॉस वेटिंग रूम का निर्माण तेजी से चल रहा है जो जल्द ही पूरा होने वाला है। वहीं सेपरेट लेडीज वेटिंग रूम में महिलाओं को अलग से बैठने का इंतजाम भी इसी साल होना है। स्टेशन में वाई-फाई की सुविधा व सीसीटीवी कैमरों से निगरानी इसी माह शुरु हो जाएगी।
2. फ्लाई ओवर…
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने वर्ष 2010 में ही रिपोर्ट दे दी थी। जिसके तहत सेमरिया चौराहे, सर्किट हाउस, सिविल लाइन चौराहे के विकास की जरूरत समझी थी। सेमरिया चौक पर वर्ष 2012 तक फ्लाईओवर निर्माण व नए ओवर ब्रिज की जरूरत बताई थी। लेकिन, उस समय लापरवाही बरती गई। 2015 के बाद यातायात का दबाव बढ़ा, तो जिम्मेदार चेते और 38 करोड़ की लागत से 2016 में सेमरिया चौक पर फ्लाईओवर निर्माण का काम शुरू हुआ। ये काम अभी 45 फीसदी पूरा हुआ है। इसे मई 2018 तक पूरा करना है। अगर, समय पर पूरा होता है, यातायात बेहतर होगा।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने वर्ष 2010 में ही रिपोर्ट दे दी थी। जिसके तहत सेमरिया चौराहे, सर्किट हाउस, सिविल लाइन चौराहे के विकास की जरूरत समझी थी। सेमरिया चौक पर वर्ष 2012 तक फ्लाईओवर निर्माण व नए ओवर ब्रिज की जरूरत बताई थी। लेकिन, उस समय लापरवाही बरती गई। 2015 के बाद यातायात का दबाव बढ़ा, तो जिम्मेदार चेते और 38 करोड़ की लागत से 2016 में सेमरिया चौक पर फ्लाईओवर निर्माण का काम शुरू हुआ। ये काम अभी 45 फीसदी पूरा हुआ है। इसे मई 2018 तक पूरा करना है। अगर, समय पर पूरा होता है, यातायात बेहतर होगा।
3. पीएम आवास योजना…
शहर की गंदी बस्तियों, सड़क किनारे खुले आसमान के नीचे झोपड़ी में दिन गुजार रहे गरीब परिवारों के लिए नया साल खुशियां लेकर आ रहा है। आठ साल से पीएम आवास योजना के तहत पक्के मकान का सपना देख रहे घर विहीन परिवारों को वर्ष 2018 में आशियाने की सौगात मिलेगी। पीएम आवास योजना के तहत उतैली में लगभग 8 करोड़ की लागत से निर्मित 270 आवास बन कर तैयार हो चुके हैं। नए साल में शहर के चिन्हित 270 गरीब परिवारों को नगर निगम प्रशासन आशियाने का सपना पूरा करेगा। वहीं जिले मं कुल 30 हजार आवास का निर्माण होना है।
शहर की गंदी बस्तियों, सड़क किनारे खुले आसमान के नीचे झोपड़ी में दिन गुजार रहे गरीब परिवारों के लिए नया साल खुशियां लेकर आ रहा है। आठ साल से पीएम आवास योजना के तहत पक्के मकान का सपना देख रहे घर विहीन परिवारों को वर्ष 2018 में आशियाने की सौगात मिलेगी। पीएम आवास योजना के तहत उतैली में लगभग 8 करोड़ की लागत से निर्मित 270 आवास बन कर तैयार हो चुके हैं। नए साल में शहर के चिन्हित 270 गरीब परिवारों को नगर निगम प्रशासन आशियाने का सपना पूरा करेगा। वहीं जिले मं कुल 30 हजार आवास का निर्माण होना है।
4. सड़क…
सतना औद्योगिक जिला है, यहां सड़क व रेलमार्ग महत्वपूर्ण माने जाते हैं। एक दशक से सड़क की स्थिति बेहतर नहीं है। हाइवे बन नहीं पा रहे। उद्यमों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। सतना-बेला, सतना-बमिठा, सतना-चित्रकूट का निर्माण व एनएच-७ का चौड़ीकरण हो रहा है। करीब 800 करोड़ के सड़क प्रोजेक्ट चल रहे हैं। 2018 में पूरा हो जाते हैं, तो विकास को गति मिलेगी।
सतना औद्योगिक जिला है, यहां सड़क व रेलमार्ग महत्वपूर्ण माने जाते हैं। एक दशक से सड़क की स्थिति बेहतर नहीं है। हाइवे बन नहीं पा रहे। उद्यमों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। सतना-बेला, सतना-बमिठा, सतना-चित्रकूट का निर्माण व एनएच-७ का चौड़ीकरण हो रहा है। करीब 800 करोड़ के सड़क प्रोजेक्ट चल रहे हैं। 2018 में पूरा हो जाते हैं, तो विकास को गति मिलेगी।
5. बरगी परियोजना…
बरगी बांध का पानी जिले तक पहुंचने की राह देखते १ वर्ष और बीत गया, न टनल बनी और न नहरों में बरगी का पानी आया। 10 साल से नर्मदा जल खेतों में पहुंचने का इंतजार है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 6 माह में स्लीमनाबाद टनल का कार्य पूर्ण करा सतना को नर्मदा जल उपलब्ध कराने का वायदा किया था। लेकिन, फिर मुख्यमंत्री की दावा छलावा निकली।
बरगी बांध का पानी जिले तक पहुंचने की राह देखते १ वर्ष और बीत गया, न टनल बनी और न नहरों में बरगी का पानी आया। 10 साल से नर्मदा जल खेतों में पहुंचने का इंतजार है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 6 माह में स्लीमनाबाद टनल का कार्य पूर्ण करा सतना को नर्मदा जल उपलब्ध कराने का वायदा किया था। लेकिन, फिर मुख्यमंत्री की दावा छलावा निकली।
6. बिजली….
जिलेवासियों को बिजली की अघोषित कटौती व लो वोल्टेज जैसी समस्याओं से निजात मिलेगी। बिजली कंपनी के बड़े प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे। सोनौरा में 40 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा 133 केवी सब स्टेशन शहर की विद्युत समस्या का निदान करेगा। वहीं आईपीडीएस योजना के तहत 64 करोड़ से जिले की विद्युत अधोसंरचना को मजबूती दी जाएगी। दीनदयाल ग्रामीण विद्युत योजना से ग्रामीण क्षेत्र में बन रहे 6 नए सब स्टेशन गांवों को रोशन करेंगे।
जिलेवासियों को बिजली की अघोषित कटौती व लो वोल्टेज जैसी समस्याओं से निजात मिलेगी। बिजली कंपनी के बड़े प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे। सोनौरा में 40 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा 133 केवी सब स्टेशन शहर की विद्युत समस्या का निदान करेगा। वहीं आईपीडीएस योजना के तहत 64 करोड़ से जिले की विद्युत अधोसंरचना को मजबूती दी जाएगी। दीनदयाल ग्रामीण विद्युत योजना से ग्रामीण क्षेत्र में बन रहे 6 नए सब स्टेशन गांवों को रोशन करेंगे।
7. रिंगरोड…
सोहावल से लौहरौरा 9 किमी रिंग रोड बीते साल से चलने लायक तक नहीं बची। अब पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर सड़क को मरम्मत लायक तक नहीं समझते। पीडब्ल्यूडी पूरी सड़क उखाड़ का नया निर्माण कराएगा। पहले की अपेक्षा रिंग रोड की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। पूर्व में करीब चाढ़े 4 करोड़ में बनी सड़क को अब 9.66 करोड़ में बनाया जाना है। रिंग रोड के पुननिर्माण का मसौदा भोपाल भेजा गया है जिसे स्वीकृति के आसार हैं।
सोहावल से लौहरौरा 9 किमी रिंग रोड बीते साल से चलने लायक तक नहीं बची। अब पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर सड़क को मरम्मत लायक तक नहीं समझते। पीडब्ल्यूडी पूरी सड़क उखाड़ का नया निर्माण कराएगा। पहले की अपेक्षा रिंग रोड की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। पूर्व में करीब चाढ़े 4 करोड़ में बनी सड़क को अब 9.66 करोड़ में बनाया जाना है। रिंग रोड के पुननिर्माण का मसौदा भोपाल भेजा गया है जिसे स्वीकृति के आसार हैं।
8. मेडिकल कॉलेेज…
आज तक मेडिकल कॉलेज की सुविधा नसीब नहीं हो सकी। जबकि, कॉलेज खोलने के लिए 17 मई 2010 को स्वास्थ्य विभाग को नगर निगम सीमा अंतर्गत कृपालपुर में 48.75 एकड़ जमीन भी आवंटित कर दी गई। जमीन मिलने के बाद लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को जानकारी दी गई। कॉलेज खोलने 5 वर्ष पहले प्रस्ताव भी भेजा गया, आज तक किसी तरह का जवाब नहीं आया। उम्मीद है जनप्रतिनिधि चुनावी वर्ष में प्रयास करेंगे।
आज तक मेडिकल कॉलेज की सुविधा नसीब नहीं हो सकी। जबकि, कॉलेज खोलने के लिए 17 मई 2010 को स्वास्थ्य विभाग को नगर निगम सीमा अंतर्गत कृपालपुर में 48.75 एकड़ जमीन भी आवंटित कर दी गई। जमीन मिलने के बाद लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को जानकारी दी गई। कॉलेज खोलने 5 वर्ष पहले प्रस्ताव भी भेजा गया, आज तक किसी तरह का जवाब नहीं आया। उम्मीद है जनप्रतिनिधि चुनावी वर्ष में प्रयास करेंगे।
9. जलावद्र्धन…
घर-घर पानी के लिए जलावद्र्धन योजना का जनता तीन साल से इंतजार कर रही है। सौगात नए साल में शहर की को मिल सकती है। वर्ष 2015 में महापौर ममता पाण्डेय ने 300 करोड़ की जलावद्र्धन योजना का शिलान्यास किया था, जिसके तहत दो साल में घर-घर पानी पहुंचाने का वादा किया गया था। लेकिन कार्य की कछुआ चाल के कारण तीन वर्ष बीत जाने के बाद आधा शहर पानी से वंचित हैं। शहर में जलावद्र्धन के पहले फेज का कार्य आधे शहर में पूर्ण कर लिया गया है।
घर-घर पानी के लिए जलावद्र्धन योजना का जनता तीन साल से इंतजार कर रही है। सौगात नए साल में शहर की को मिल सकती है। वर्ष 2015 में महापौर ममता पाण्डेय ने 300 करोड़ की जलावद्र्धन योजना का शिलान्यास किया था, जिसके तहत दो साल में घर-घर पानी पहुंचाने का वादा किया गया था। लेकिन कार्य की कछुआ चाल के कारण तीन वर्ष बीत जाने के बाद आधा शहर पानी से वंचित हैं। शहर में जलावद्र्धन के पहले फेज का कार्य आधे शहर में पूर्ण कर लिया गया है।