जिले में किसी चुनाव में वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को इस तरह घर बैठे मतदान की सुविधा का अपने आपमें पहला मामला है। इन मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट जारी होने से मतदान केंद्र की मतदाता सूची में से इनका नाम कट जाएगा। इससे ये लोग मतदान केन्द्र में वोट नहीं कर सकेंगे। इनसे मतदान कराने के लिये कुल 14 मोबाइल पोलिंग टीम गठित की गई है। हर दल में एक पीठासीन अधिकारी, एक मतदान अधिकारी, एक माइक्रो आब्जर्वर, वीडियो ग्राफर और पुलिस कर्मी रहेगा। ये घर जाकर संबंधित मतदाताओं से वोट करवाएंगे। इन दलों को सोमवार को प्रशिक्षण दिया गया।
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मतगणना में लगेगा ज्यादा समय
कर्मचारियों और सैनिकों को पोस्टल बैलेट के अलावा इस बार नई श्रेणी के इन पोस्टल बैलेट की वजह से डाक मतपत्रों की संख्या ज्यादा होगी। लिहाजा इस बार इनकी मतगणना में ज्यादा समय लगेगा।
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घर में बनाया जाएगा वोटिंग कंपार्टमेंट
मतदान दल अपने साथ मतदाता सूची और पोस्टल बैलेट लेकर संबंधित गांव जाएगा। वहां पर बीएलओ को बुलाया जाएगा। बीएलओ मतदान दल को संबंधित मतदाता का घर दिखाएगा। इसके बाद पीठासीन अधिकारी घर के अंदर जाकर आंगन या कक्ष में एक फोल्डिंग टेबल में अस्थाई वोटिंग रखेगा। फिर पीठासीन अधिकारी मतदाता से घोषणा पत्र भरवाने के साथ उसे अभिप्रमाणित कर मतदाता को पोस्टल बैलेट देगा।
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मतदाता कपार्टमेंट में पोस्टल मतपत्र में संबंधित प्रत्याशी को वोट देने के लिये उसके नाम के सामने पेन से टिक लगाएगा। इस मतपत्र को मोड़कर पीठासीन गुलाबी छोटे लिफाफे में रखेगा। फिर घोषणा पत्र और छोटा लिफाफा बड़े गुलाबी लिफाफे में रखने के बाद बंद करके एआरओ को पास जमा कर दिया जाएगा। इसकी पूरी वीडियो रिकार्डिंग होगी। वोटिंग के वक्त घर के सदस्य दूर रहेंगे और चाहें तो पार्टियों को बूथ लेबल एजेंट भी इस दौरान प्रक्रिया देख सकते हैं।