दरअसल, इस तिराहे से तीन विभाग मंडी समिति, नगर निगम एवं लोक निर्माण विभाग की सड़कों की सीमा शुरू होती है। विभागीय इंजीनियरों की मनमानी का आलम यह है कि तीनों विभागों ने तिराहे को छोड़कर अपनी सीमा में पक्की सड़कों का निर्माण करा दिया। किसी भी विभाग ने तिराहे पर सड़क का निर्माण नहीं कराया। इससे तीन सड़कों के बीच का हिस्सा भारी वाहन चलने से ‘खाईÓ में तब्दील हो चुका है। इस खाई को पाटने कोई भी विभाग आगे नहीं आ रहा। आलम यह है कि मंडी रोड से गुजरने वाली जनता बीते एक दशक से तीन विभागों के बीच खुदी इस खाई में हिचकोले खा रही है।
अटक जाते हैं चार पहिया वाहन
तिराहे में खुदी खाई की मरम्मत न होने से यह दो फिट गहरी हो गई है। इससे वाहन निकलना मुश्किल हो जाता है। बिरला रोड व नईबस्ती की ओर से आने वाले चार पहिया वाहन इस खाई में फंस जाते हैं। खाई के दोनों ओर दो फीट ऊंची सड़क पर चढ़ते समय छोटे चार पहिया वाहनों की बॉडी सड़क से लड़ जाती है। ऐसे में वाहनों को धक्का देकर निकालना पड़ता है। मंडी तिराहे की इस खाई को पाटने की ओर प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा।
मलबा डालकर चला रहे काम
स्थानीय लोगों ने बताया, बरसात के समय जलभराव होने से यह खाई हादसे का कारण बनती है। बारिश के मौसम में इस खाई में ट्रक फंस जाते हैं। इससे परेशान होकर मोटर मालिक हर साल इस एक-दो ट्राली मलबा डलवा देते हैं। इससे वाहनों का आवागमन बंद नहीं होता। तीन विभागों के बीच फंसी इस सड़क के निर्माण के लिए निगमायुक्त से लेकर मुख्यमंत्री तक से गुहार लगा चुके हैं। सतना विधायक तो इस गली से दिन में कई बार गुजरते हैं। इसके बावजूद आज तक मरम्मत कराने की जहमत किसी ने नहीं उठाई।
वर्जन
यह मामला अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं था। मैं मंडी प्रशासन व लोक निर्माण विभाग के प्रभारी से बात कर उन्हें मामले से अवगत कराता हूं। सीमा विवाद जैसी कोई बात नहीं है। जल्द ही उनके द्वारा सड़क मरम्मत का कार्य कराया जाएगा।
सतेन्द्र सिंह, कलेक्टर सतना