इसलिए बदली व्यवस्था
दरअसल, 18 वर्ष से कम आयु के आवेदक बिना गियर की गाड़ी के लाइसेंस पर एक्टिवा स्कूटी जैसे गाडिय़ां चलाते हैं, जो 100 सीसी से भी ज्यादा की होती हैं। तर्क यह दिया जाता है कि यह तो बिना गियर वाली गाड़ी हैं। हलांकि, देश मेें 18 वर्ष पहले ही 50 सीसी से कम वाली गाडिय़ोंं का निर्माण बंद हो चुका है। लूना जैसी गाडिय़ां पचास सीसी से कम की होती थीं। इसलिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए बिना गियर और गियर वाले वाहनों के नाम पर हो रही गलतफहमी को पूरी तरह से दूर कर दिया है। नोटिफिकेशन मेें पचास सीसी से कम और अधिकतम ७० किमी प्रति घंटा रफ्तार वाले वाहन की कैटेगरी को जोड़ा है।
दरअसल, 18 वर्ष से कम आयु के आवेदक बिना गियर की गाड़ी के लाइसेंस पर एक्टिवा स्कूटी जैसे गाडिय़ां चलाते हैं, जो 100 सीसी से भी ज्यादा की होती हैं। तर्क यह दिया जाता है कि यह तो बिना गियर वाली गाड़ी हैं। हलांकि, देश मेें 18 वर्ष पहले ही 50 सीसी से कम वाली गाडिय़ोंं का निर्माण बंद हो चुका है। लूना जैसी गाडिय़ां पचास सीसी से कम की होती थीं। इसलिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए बिना गियर और गियर वाले वाहनों के नाम पर हो रही गलतफहमी को पूरी तरह से दूर कर दिया है। नोटिफिकेशन मेें पचास सीसी से कम और अधिकतम ७० किमी प्रति घंटा रफ्तार वाले वाहन की कैटेगरी को जोड़ा है।
इलेक्ट्रिक बाइक के लिए भी लाइसेंस
40 किलोवाट से कम की इलेक्ट्रिक मोटर की गाडिय़ों को भी जोड़ा गया है। नोटिफिकेशन होने के साथ ही अब आवेदक को टेस्ट के समय भी ऐसी ही गाड़ी लानी होगी। साथ ही लाइसेंस लेकर ही ऐसी गाड़ी चलानी होगी। इससे ज्यादा क्षमता की गाड़ी चलाते पाए जाने पर उसे बिना लाइसेंस गाड़ी चलाना मानते हुए दंडित किया जाएगा। पुलिस भी जांच के दौरान ऐसी ही गाडिय़ों को चलाने वाले नाबालिगों को छोड़ देती है।
40 किलोवाट से कम की इलेक्ट्रिक मोटर की गाडिय़ों को भी जोड़ा गया है। नोटिफिकेशन होने के साथ ही अब आवेदक को टेस्ट के समय भी ऐसी ही गाड़ी लानी होगी। साथ ही लाइसेंस लेकर ही ऐसी गाड़ी चलानी होगी। इससे ज्यादा क्षमता की गाड़ी चलाते पाए जाने पर उसे बिना लाइसेंस गाड़ी चलाना मानते हुए दंडित किया जाएगा। पुलिस भी जांच के दौरान ऐसी ही गाडिय़ों को चलाने वाले नाबालिगों को छोड़ देती है।
संशय में रहती थी पुलिस
जानकारी के मुताबिक, एक्ट मेंं बिना गियर व गियर वाली गाडिय़ों की अलग-अलग कैटेगरी से जो गलतफहमी आम लोगों में थी, उससे विभाग और पुलिस के अधिकारियों को परेशान होना पड़ता था। क्योंकि परिवहन विभाग ने बिना गियर के नाम से 100 सीसी से ज्यादा की एक्टिवा जैसी गाडिय़ों पर ऐसे लाइसेंस के टेस्ट तक ले लिए जाते हैं और ट्रैफिक पुलिस भी जांच के दौरान ऐसी ही गाडिय़ों को चलाने वाले नाबालिगों को छोड़ देती है।
जानकारी के मुताबिक, एक्ट मेंं बिना गियर व गियर वाली गाडिय़ों की अलग-अलग कैटेगरी से जो गलतफहमी आम लोगों में थी, उससे विभाग और पुलिस के अधिकारियों को परेशान होना पड़ता था। क्योंकि परिवहन विभाग ने बिना गियर के नाम से 100 सीसी से ज्यादा की एक्टिवा जैसी गाडिय़ों पर ऐसे लाइसेंस के टेस्ट तक ले लिए जाते हैं और ट्रैफिक पुलिस भी जांच के दौरान ऐसी ही गाडिय़ों को चलाने वाले नाबालिगों को छोड़ देती है।
एक्सेप्ट नहीं हो रहे ऑनलाइन आवेदन
शासन ने गियर व बिना गियर वाले वाहनों के लाइसेंस का नियम निर्धारित किया है। इसके बाद से पुराने नियम के अनुसार ऑनलाइन आवेदन एक्सेप्ट ही नहीं हो रहे हैं। जल्द ही छात्राओं के लाइसेंस बनाने के लिए स्कूलों में शिविर लगाए जाएंगे। इनमें नए नियम के अनुसार ही लाइसेंस बनाए जाएंगे।
अखिलेश सिंह, सहायक ग्रेड-२, जिला परिवहन कार्यालय सीधी
शासन ने गियर व बिना गियर वाले वाहनों के लाइसेंस का नियम निर्धारित किया है। इसके बाद से पुराने नियम के अनुसार ऑनलाइन आवेदन एक्सेप्ट ही नहीं हो रहे हैं। जल्द ही छात्राओं के लाइसेंस बनाने के लिए स्कूलों में शिविर लगाए जाएंगे। इनमें नए नियम के अनुसार ही लाइसेंस बनाए जाएंगे।
अखिलेश सिंह, सहायक ग्रेड-२, जिला परिवहन कार्यालय सीधी