क्या है गाइड लाइन
गाइड लाइन के प्रथम बिंदु टॉवर निर्माण में उपयोग ली जाने वाली भूमि का बाजार मूल्य का 85त्न राशि निर्धारित की गई है। किसानों द्वारा प्रशासन से धरना ज्ञापन के माध्यम से यह जानकारी मांगी गई है कि आखिर टॉवर निर्माण में उपयोग ली जाने वाली भूमि का रकवा राजस्व विभाग से लिखित में चाहा गया है। दो वर्ष से आज तक लिखित में आदेश प्रशासन द्वारा नहीं दिया गया है।
गाइड लाइन के प्रथम बिंदु टॉवर निर्माण में उपयोग ली जाने वाली भूमि का बाजार मूल्य का 85त्न राशि निर्धारित की गई है। किसानों द्वारा प्रशासन से धरना ज्ञापन के माध्यम से यह जानकारी मांगी गई है कि आखिर टॉवर निर्माण में उपयोग ली जाने वाली भूमि का रकवा राजस्व विभाग से लिखित में चाहा गया है। दो वर्ष से आज तक लिखित में आदेश प्रशासन द्वारा नहीं दिया गया है।
12 लाख प्रति टॉवर तीन हजार प्रति वर्ग मीटर
इसके पूर्व में निर्माण की गई सतना-चमराडोल लाइन में 12 लाख प्रति टॉवर तीन हजार प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से वितरण चार-पांच गांवों में किया गया था। शेष आज दिनांक तक नहीं किया गया। जबकि तत्कालीन कलेक्टर संतोष मिश्रा के कार्यकाल में सभी किसानों के जमीन का मूल्यांकन कर आर्डर शीट में जारी किया गया था। लेकिन किसानों का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया।
इसके पूर्व में निर्माण की गई सतना-चमराडोल लाइन में 12 लाख प्रति टॉवर तीन हजार प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से वितरण चार-पांच गांवों में किया गया था। शेष आज दिनांक तक नहीं किया गया। जबकि तत्कालीन कलेक्टर संतोष मिश्रा के कार्यकाल में सभी किसानों के जमीन का मूल्यांकन कर आर्डर शीट में जारी किया गया था। लेकिन किसानों का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया।
कलेक्टर का आदेश भी दरकिनार
गत दिवस पूर्व प्रशासन और कृषक कंपनी के मध्य बैठक कलेक्ट्रेट कार्यालय में कलेक्टर मुकेश शुक्ला के अध्यक्षता में की गई थी और पुरानी लाइन के कृषकों का पूर्ण रूपेण भुगतान करा दिया जाएगा। लेकिन आज तक नहीं किया गया। जिससे किसान दुखी होकर टॉवर में चढ़ गए। जिसमे हेतराम सिंह, बट्टी लाल सिंह, बाबू सिंह तीन दिवस से चढ़े हुए है। प्रशासन द्वारा मुआवजा भुगतान न करते हुए राष्ट्रीय हित का कार्य बताकर जबरदस्ती खेत में टॉवर तार लगा दिए जाते है।
गत दिवस पूर्व प्रशासन और कृषक कंपनी के मध्य बैठक कलेक्ट्रेट कार्यालय में कलेक्टर मुकेश शुक्ला के अध्यक्षता में की गई थी और पुरानी लाइन के कृषकों का पूर्ण रूपेण भुगतान करा दिया जाएगा। लेकिन आज तक नहीं किया गया। जिससे किसान दुखी होकर टॉवर में चढ़ गए। जिसमे हेतराम सिंह, बट्टी लाल सिंह, बाबू सिंह तीन दिवस से चढ़े हुए है। प्रशासन द्वारा मुआवजा भुगतान न करते हुए राष्ट्रीय हित का कार्य बताकर जबरदस्ती खेत में टॉवर तार लगा दिए जाते है।