जिसके चलते उनके ऊपर कभी भी सीधी जिम्मेदारी तय नहीं की गई। लेकिन, ये सोचने वाली बात थी कि ये सभी वारदातें अचानक परिस्थितिजन्य रूप से उपस्थित नहीं हुई। बल्कि, लंबे समय की परिस्थितियों के बाद घटी। लिहाजा जेलर सहित आला अधिकारियों को इसकी जानकारी होनी चाहिए थी। जेल सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल था।
उसके बावजूद इन बातों को दरकिनार किया गया। इन सभी मामलों में जेल प्रबंधन जांच की बात करता रहा, लेकिन पूरे मामले की विस्तृत जांच कराते हुए बड़े अधिकारियों पर कोई भी जिम्मेदारी अभी तक तय नहीं की गई। केवल चित्रकूट कांड के आरोपी की आत्महत्या मामले में छोटे कर्मचारियों को निलंबित करने की कार्रवाई की गई है।
बाल-बाल बचा था कैदी
11 मई को कैदी करण केवट ने दूसरे कैदी सराफत केवट को जो पत्थर मारा था। ये वारदात नई जेल के शारदा वार्ड की थी। दोपहर के वक्त कैदी ने दूसरे पर कैदी पर हमला बोला था। अगर वो सीधे सिर पर लगा जाता। तो कैदी की जान तक चली जाती। हालांकि वो गंभीर रूप से घायल हुआ। उसे जिला अस्पताल मे भर्ती करना पड़ा था। इस गंभीर वारदात को जेल प्रबंधन पूरी तरह से दबा गया। दोनों कैदी 302 के मामले में आजीवन करावास की सजा काट रहे हैं। बताया जाता है कि एक कैदी को जेलर का संरक्षण प्राप्त है। लिहाजा ठोस कार्रवाई तक नही हुई।
11 मई को कैदी करण केवट ने दूसरे कैदी सराफत केवट को जो पत्थर मारा था। ये वारदात नई जेल के शारदा वार्ड की थी। दोपहर के वक्त कैदी ने दूसरे पर कैदी पर हमला बोला था। अगर वो सीधे सिर पर लगा जाता। तो कैदी की जान तक चली जाती। हालांकि वो गंभीर रूप से घायल हुआ। उसे जिला अस्पताल मे भर्ती करना पड़ा था। इस गंभीर वारदात को जेल प्रबंधन पूरी तरह से दबा गया। दोनों कैदी 302 के मामले में आजीवन करावास की सजा काट रहे हैं। बताया जाता है कि एक कैदी को जेलर का संरक्षण प्राप्त है। लिहाजा ठोस कार्रवाई तक नही हुई।
जेलर की जिम्मेदारी
जेलर की जिम्मेदारी होती है कि जेल के हर गतिविधि पर नजर बनाए रखे। जानकारी एकत्रित करने की सतत प्रक्रिया होती है। जेलकर्मी व कैदियों के बीच मुखबिर तंत्र भी विकसित करना पड़ता है। लिहाजा जेल के अंदर किसी भी वारदात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जेलर की जिम्मेदारी होती है कि समय रहते ऐसी घटनाओं को भांपे और समय रहते उचित कदम उठाए। लेकिन, सतना केंद्रीय जेल में हुई वारदातों को लेकर जेलर को बार-बार अवकाश के नाम पर राहत दे दी जा रही।
जेलर की जिम्मेदारी होती है कि जेल के हर गतिविधि पर नजर बनाए रखे। जानकारी एकत्रित करने की सतत प्रक्रिया होती है। जेलकर्मी व कैदियों के बीच मुखबिर तंत्र भी विकसित करना पड़ता है। लिहाजा जेल के अंदर किसी भी वारदात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जेलर की जिम्मेदारी होती है कि समय रहते ऐसी घटनाओं को भांपे और समय रहते उचित कदम उठाए। लेकिन, सतना केंद्रीय जेल में हुई वारदातों को लेकर जेलर को बार-बार अवकाश के नाम पर राहत दे दी जा रही।
वारदात के बाद ज्वाइनिंग
एक संयोग ये भी है कि वारदात के बाद जेलर की ज्वाइनिंग होती है। रामकेश यादव के आत्महत्या के दूसरे दिन जेलर ने ज्वाइन किया। इसी तरह एक कैदी द्वारा दूसरे पर हमले के बाद ज्वाइनिंग हुई। वहीं कैदी अनिल कुशवाहा शाम 4.30 बजे आत्महत्या करता है और जेलर 5 बजे ज्वाइनिंग करते हैं। जबकि जेल मैन्युअल के अनुसार अवकाश पर गए जेल कर्मचारी व अधिकारी को दोपहर 12 बजे से पहले आमद देनी होती है। इसका भी पालन नहीं हुआ।
एक संयोग ये भी है कि वारदात के बाद जेलर की ज्वाइनिंग होती है। रामकेश यादव के आत्महत्या के दूसरे दिन जेलर ने ज्वाइन किया। इसी तरह एक कैदी द्वारा दूसरे पर हमले के बाद ज्वाइनिंग हुई। वहीं कैदी अनिल कुशवाहा शाम 4.30 बजे आत्महत्या करता है और जेलर 5 बजे ज्वाइनिंग करते हैं। जबकि जेल मैन्युअल के अनुसार अवकाश पर गए जेल कर्मचारी व अधिकारी को दोपहर 12 बजे से पहले आमद देनी होती है। इसका भी पालन नहीं हुआ।
केस 1: तिथि- 7 मई 2019
वारदात – चित्रकूट अपहरण व हत्याकांड के मुख्य आरोपी रामकेश यादव ने केंद्रीय जेल के मंदिर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सनसनीखेज मामला था, लिहाजा छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए खानापूर्ति कर दी गई। वहीं जेलर बद्री विशाल शुक्ला अवकाश पर थे।
वारदात – चित्रकूट अपहरण व हत्याकांड के मुख्य आरोपी रामकेश यादव ने केंद्रीय जेल के मंदिर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सनसनीखेज मामला था, लिहाजा छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए खानापूर्ति कर दी गई। वहीं जेलर बद्री विशाल शुक्ला अवकाश पर थे।
केस 2: तिथि- 11 मई 2019
वारदात – केंद्रीय जेल में कैदी करण केवट ने दूसरे कैदी शराफत केवट के ऊपर करीब 10 किलो का पत्थर फेंक मारा। कैदी की किस्मत अच्छी थी कि पत्थर सिर पर नहीं लगा। कैदी को गंभीर हालत में जिला अस्पताल भर्ती कराया गया। इस दिन भी जेलर बद्री विशाल अवकाश पर थे।
वारदात – केंद्रीय जेल में कैदी करण केवट ने दूसरे कैदी शराफत केवट के ऊपर करीब 10 किलो का पत्थर फेंक मारा। कैदी की किस्मत अच्छी थी कि पत्थर सिर पर नहीं लगा। कैदी को गंभीर हालत में जिला अस्पताल भर्ती कराया गया। इस दिन भी जेलर बद्री विशाल अवकाश पर थे।
केस 3: तिथि- 1 जून 2019
वारदात – केंद्रीय जेल में कैदी अनिल कुशवाहा ने फंदा लगाकार आत्महत्या कर ली। पत्नी की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। उसके पास से सुसाइड नोट मिला, महिला जेल प्रहरी से धोखे का जिक्र था। इस दिन भी जेल बद्री विशाल शुक्ला अवकाश पर थे।
वारदात – केंद्रीय जेल में कैदी अनिल कुशवाहा ने फंदा लगाकार आत्महत्या कर ली। पत्नी की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। उसके पास से सुसाइड नोट मिला, महिला जेल प्रहरी से धोखे का जिक्र था। इस दिन भी जेल बद्री विशाल शुक्ला अवकाश पर थे।