अधिकारियों ने बताया, दो दिन में लाइन को सिग्नल से जोड़ने का काम पूरा हो जाएगा। वहीं सकरिया-हिनौता रामवन स्टेशन के बीच डबल लाइन का सीआरएस इंस्पेक्शन 12 अगस्त को रेलवे संरक्षा आयुक्त मनोज अरोरा सेंट्रल सर्कल मुम्बई करेंगे। सीआरएस अरोरा स्पेशल ट्रेन से करीब एक सैकड़ा कर्मचारियों के साथ लाइन का निरीक्षण करेंगे। सीआरएस निरीक्षण छह से 8 घंटे तक चल सकता है। इसमें यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो उसी दिन ट्रैक को ट्रेनों के लिए खोल दिया जाएगा।
8 किमी बनाने में 11 माह लगे
बीते साल सितम्बर में कैमा से सकरिया तक 6.36 किलोमीटर का दूसरा ट्रैक तैयार कर सीआरएस ट्रायल के बाद चालू किया गया था। तब से दस माह बीतने के बाद अब कहीं जाकर रेलवे सकरिया से हिनौता तक नया ट्रैक चालू करवा पाया है। ऐसे में बजट होने के बावजूद प्रोजेक्ट हर साल आगे खिसक रहा है। सतना से रीवा 50 किलोमीटर रेल लाइन के दोहरीकरण का काम मार्च 2022 तक पूरा करना था, लेकिन इस दौरान रेलवे आठ किमी ट्रैक तक पूरा नहीं कर पाया।
ट्रैक की लिंकिंग भी हो चुकी है। इसी ट्रैक पर टमस नदी में 45 मीटर लंबा ब्रिज बांधा गया है। इसके पहले सतना-रीवा 50 किमी सेक्शन में करीब 24 किमी का काम पूरा हो चुका है। इसमें ट्रेनें भी दौड़ रही हैं। सकरिया से हिनौता तक ट्रैक बन जाने से सतना रीवा रेल डबलिंग प्रोजेक्ट 60 फीसदी से ज्यादा पूरा हो गया है।
दो सेक्शन का काम बाकी
सकरिया-हिनौता तक नया ट्रैक का काम पूरा होने के बावजूद दोहरीकरण में दो सेक्शन के काम शेष रह जाएंगे। इनमें से हिनौता से बगहाई 9 किमी व बगहाई से तुर्की 9 किमी शामिल है। इन सेक्शन के बीच रेलवे और किसानों में मुआवजा व नौकरी संबंधित विवादों के चलते काम रफ्तार नहीं पकड़ पाया। इस वित्तीय वर्ष रेल दोहरीकरण के लिए 101 करोड़ रुपए मिले हैं।