scriptतबादला सीजन में कामकाज ठप, खानापूर्ति कर रहे अधिकारी-कर्मचारी, राजधानी की दौड़-धूप में सभी व्यस्त | transfer policy of mp govt 2019-20 madhya pradesh tabadala niti | Patrika News

तबादला सीजन में कामकाज ठप, खानापूर्ति कर रहे अधिकारी-कर्मचारी, राजधानी की दौड़-धूप में सभी व्यस्त

locationसतनाPublished: Jul 11, 2019 12:44:51 pm

Submitted by:

suresh mishra

आमजन परेशान: एक सप्ताह तक बनी रहेंगी स्थितियां

transfer policy of mp govt 2019-20 madhya pradesh tabadala niti

transfer policy of mp govt 2019-20 madhya pradesh tabadala niti

सतना। सरकारी महकमे में इन दिनों तबादला सीजन चल रहा। हालात यह हैं कि एक ओर राज्य शासन स्तर से तबादलों की सूची जारी हो रही है तो दूसरी ओर जिलास्तरीय तबादलों की भी सूचियां जारी होने लगी हैं। ऐसे में तबादला प्रभावित लोगों की दौड़-धूप राजधानी तक शुरू हो गई है तो जिलास्तरीय तबादलों के लिए भी जबलपुर, भोपाल सहित स्थानीय नेताओं की चौखट तक सरकारी अमला पहुंच रहा। कुल मिलाकर कोई तबादला रुकवाने में व्यस्त है तो कोई तबादला करवाने में। दूसरी ओर जिनके तबादले हो गए वो रिलीविंग का इंतजार कर रहे हैं तो कुछ अभी ज्वॉइन करने तक नहीं पहुंचे। हालात यह हैं कि जिले में तीसरे नंबर का माना जाने वाला पद जिपं सीईओ अभी तक खाली है।
भोपाल में डेरा
जिले के कई अधिकारी कर्मचारी इन दिनों गुपचुप तरीके से भोपाल में डेरा डाले हुए हैं या फिर उनके बिचौलिए राजधानी में गुणा गणित में जुटे हैं। मामला तबादलों से जुड़ा है। जिले की सबसे बुरी स्थिति तो जिपं सीईओ को लेकर हो गई है। इस मामले में शासन की भद् तो पिट ही रही है, उंगलियां कांग्रेस पदाधिकारियों पर भी उठ रही हैं। एक सप्ताह से ज्यादा समय हो चुका है और जिले को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के लिए जिपं सीईओ नहीं मिल सका है। दो अधिकारी इसके लिए पूरी ताकत लगाए हैं तो एक पूर्व अधिकारी भी अपनी कोशिश में लगे हैं।
एसएलआर का भी तबादला
इसी तरह से यहां से एसएलआर का भी तबादला हो चुका है पर उनकी रिलीविंग नहीं हो सकी है। डिप्टी कलेक्टरों को जिन्हें यहां भेजा गया है वे अभी अपनी ज्वॉइनिंग नहीं दिए हैं। जिन्हें अन्यत्र जाना है वे रिलीव नहीं हुए। ऐसे में रिलीविंग के इंतजार में बैठे अधिकारी रूटीन काम बस निपटा रहा है लेकिन निर्णय जैसे मामलों से बच रहे हैं। यही स्थिति कर्मचारियों की भी है। कलेक्ट्रेट की स्थिति इन दिनों ऐसी है जैसे कोई मातम के दौरान रहती है। पूरा कार्यालय खाली खाली और सूना पड़ा रहता है। यही हालात तहसीलों के हैं। ऐसे में जिन्हें अपने काम करवाने हैं वे दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं।
व्यवस्थित होने के बाद होगा काम-काज
बताया गया है कि सरकारी मशीनरी को पूरी तरह से तबादलों के बाद व्यवस्थित होने में अभी एक सप्ताह और लगेंगे। इसके बाद जाकर कामकाज अपने मूल रूप में आ सकेगा। अभी जिला स्तरीय तबादलों के चलते मैदानी अमला भी अस्त व्यस्त हो चुका है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो