scriptफैक्ट्री में मिले चार श्रमिकों में दो नाबालिग निकले | Two minors were found in the four workers found in the factory | Patrika News

फैक्ट्री में मिले चार श्रमिकों में दो नाबालिग निकले

locationसतनाPublished: Mar 08, 2021 10:16:32 am

Submitted by:

Dhirendra Gupta

बालश्रम का मामला सामने आने पर नहीं की कार्रवाही, चारों को परिजनों के सुपुर्द कर दिया, चाइल्ड लाइन के साथ श्रम विभाग व पुलिस की दबिश में सामने आया था मामला

Alwar Crime News: एक क्लिक में पढ़ें अलवर के अपराध और पुलिस से जुड़ी मुख्य खबरें

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सतना. कोलगवां थाना इलाके के डिलौरा बाइपास में चल रही एक फैक्ट्री से बालश्रम के संदेह में चार बच्चों को मुक्त कराते हुए चाइल्ड लाइन लाया गया था। बाल कल्याण समिति के आदेश पर इन चारों की काउंसिलिंग कराई गई तो पता चला कि इनमें दो बच्चे बालिग हैं और दो की उम्र 18 वर्ष से कम है। यह जानने के बाद भी फैक्ट्री संचालक के खिलाफ कार्रवाही तय नहीं की गई। जबकि दूसरी ओर चारों बालकों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर घर वापसी करा दी गई।
एेसे हुई थी कार्रवाही
1098 से चाइल्ड लाइन को सूचना मिली थी कि साईं नाथ गृह उद्योग डिलौरा बाइपास में चार नाबालिग बच्चे काम करते हैं। सूचना पाकर चाइल्ड लाइन ने प्रकरण बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। इसके बाद बाल कल्याण समिति के आदेश पर 4 मार्च को चाइल्ड लाइन, श्रम विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने फैक्ट्री में औचक निरीक्षण किया। जहां फैक्ट्री की जांच करने पर एक कमरे में चार बच्चे मिले। इन बच्चों से शाम ६ से सुबह ६ बजे तक काम लिया जाता था। बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया गया था। इनमें जो बच्चे बालिक निकले उनमें आशीष श्विकर्मा पुत्र कमलेश विश्वकर्मा निवासी बड़खेरा थाना उचेहरा व जितेन्द्र सिंह पुत्र बलवीर सिंह निवासी भमरहा थाना अमदरा हैं। जबकि नाबालिग दोनों बच्चे मैहर क्षेत्र के निवासी बताए गए हैं।
कार्रवाही से बचा लिया
बाल कल्याण समिति, चाइल्ड लाइन एवं श्रम विभाग की संयुक्त कार्रवाही के दौरान फैक्ट्री संचालक हरीश चोकवानी निवासी सिंधी कैंप खुद के बचने के तरीके तलाशता रहा। वह कोशिश करता रहा कि प्रकरण दर्ज नहीं हो सके। कार्रवाही के बाद बताया गया था कि फैक्ट्री मालिक के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कराया जाएगा। लेकिन बालकों की घर वापसी के बाद अभी तक अपराध दर्ज कराने की कार्रवाही नहीं की जा सकी। लिहाजा फैक्ट्री संचालक का बचाव कर लिया गया है।
पुलिस से नहीं कराया वेरीफिकेशन
नौकर, कर्मचारी रखने से पहले उनका पुलिस से वेरिफिकेशन कराने के लिए सख्ती से हिदायत कई बार दी जा चुकी है। लेकिन अगर फैक्ट्री मालिक ने पुलिस से वेरिफिकेशन कराया होता तो पहले ही यह बात सामने आ गई होती कि दो बच्चे नाबालिग हैं। लेकिन फैक्ट्री संचालक ने सुरक्षा के लिहाज से दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया।
वजर्न…
संयुक्त कार्रवाही की गई थी। जिसमें श्रम विभाग की रिपोर्ट मिलना बाकी है। उनकी रिपोर्ट आते ही पुलिस के पास एफआइआर के लिए पत्र भेजा जाएगा।
– राधा मिश्रा, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति, सतना
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