व्हाइट टाइगर सफारी में अचानक से वन्यप्राणियों का बीमार होना यह बताता है कि कहीं न कहीं जू प्रबंधन की लापरवाही है, जिस कारण 9 दिन के अंतराल में गोपी और नकुल की मौत हो गई। जबकि, दो बाघ व एक तेंदुआ मरणासन्न स्थिति में है। ऐसे में सबके मन में एक ही सवाल कौंध रहा कि आखिर व्हाइट टाइगर सफारी में किस बीमारी ने दस्तक दे दी, जिसके आगोश में बाघ और तेंदुआ आ रहे हैं। उधर, वन विभाग अपनी गर्दन बचाने के लिए पैरासाइट्स के संक्रमण का सहारा ले रहा है।
मौत से उठ नहीं सका पर्दा
6 अप्रैल 2018 को मैत्रीबाग भिलाई से मुकुंदपुर सफारी लाए गए 8 वर्ष के सफेद बाघ गोपी की 23 दिसंबर को अचानक रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई। प्रथम दृष्ट्या गोपी की मौत की वजह वन विभाग ने सांस लेने में तकलीफ होना बताया था। रीवा-जबलपुर के डॉक्टरों की सात सदस्यीय टीम ने पोस्टमार्टम भी किया लेकिन सफेद बाघ के मौत की असली वजह सामने नहीं आ पाई। जबकि 190 किलो वजन का गोपी मौत के एक दिन पहले तक पूरी तरह से स्वस्थ्य था तो फिर अचानक मौत कैसे हुई इस बात से अभी भी पर्दा नहीं उठ सका।