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संपत्तिकर जमा न होने पर MP का ये बड़ा बैंक सीज, दिनभर बकायेदारों में रहा हड़कंप

locationसतनाPublished: Jul 24, 2018 12:03:49 pm

Submitted by:

suresh mishra

निगम की कार्रवाई: भवन मालिक के 1.88 लाख का बकाया जमा कराने पर खुला बैंक

uco bank dhawari satna big news in hindi

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सतना। संपत्तिकर जमा न होने पर सोमवार को निगम प्रशासन ने बड़ी कारवाई की। निगमायुक्त प्रवीण सिंह अढ़ायच के आदेश पर निगम कर्मचारियों ने धवारी स्थित यूको बैंक शाखा की इमारत को सीज कर दिया। कार्रवाई से अन्य बकायेदारों में हड़कम्प मच गया। बैंक के दबाव में भवन स्वामी मौके पर पहुंचा और संपत्तिकर के बकाया 1.88 लाख रुपए जमा किए। इसके बाद बैंक का ताला खोला गया। इस दौरान करीब साढ़े पांच घंटे बैंक बंद रहा।
ये है मामला
बताया गया, धवारी के सांई मंदिर के पास किराए के भवन में यूको बैंक की शाखा संचालित है। भवन स्वामी केदारनाथ अग्रवाल का तीन वर्ष पूर्व निधन हो चुका है। उनका परिवार भी उसी मकान में रहता है। भवन का संपत्तिकर 10 वर्ष से जमा नहीं था। बकाया रकम 1.88 लाख रुपए थी। इसकी जानकारी निगमायुक्त को हुई, तो उन्होंने बैंक सहित भवन को सीज करने के आदेश दे दिए।
उपायुक्त वित्त महेश कोरी के नेतृत्व में सोमवार की सुबह 11 बजे सहायक राजस्व अधिकारी आरएन पाण्डेय, सहायक राजस्व निरीक्षक दिनेश त्रिपाठी, अतिक्रमण दस्ता प्रभारी रमाकांत शुक्ला व संपत्ति कर-राजस्व शाखा के अधिकारी मौके पर पहुंचे।
उन्होंने मैनेजर को जानकारी देते हुए बैंक खाली करने को कहा। इसके बाद बैंक को सीज करते हुए नोटिस चस्पा कर दी गई। कार्रवाई से बैंक में भी हड़कंप मच गया। आनन-फानन भवन स्वामी को तलब किया गया। दोपहर तीन बजे तक भवन स्वामी की ओर से निगम के पास संपत्तिकर जमा कराया गया। इसके बाद अपराह्न 3.30 बजे बैंक का ताला खोला गया।
पहली बार हुआ ऐसा
सतना के व्यापारियों की मानें तो संपत्तिकर न जमा करने पर पहली बार किसी बैंक की शाखा को सीज किया गया है। निगम का कहना है, टीम ने भवन को सीज किया था। उसमें बैंक संचालित था, लिहाजा वह प्रभावित हुआ है। संपत्तिकर नहीं देने वालों के खिलाफ निगम का रवैया सख्त रहेगा। बताया जा रहा कि भवन स्वामी केदार प्रसाद अग्रवाल का तीन साल पहले निधन हो चुका है। संपत्ति परिवार के सदस्यों के बीच विवाद में फंसी हुई है। इसके चलते संपत्तिकर लंबे समय से जमा नहीं हो रहा था। इसी स्थिति का नुकसान बैंक को उठाना पड़ा।
10 साल से नहीं जमा था संपत्तिकर
निगम के अधिकारियों ने बताया, भवन के स्वामी ने करीब 10 साल से संपत्तिकर नहीं जमा कराया था। वह टॉप बकायेदारों की सूची में था। कई बार नोटिस भी जारी हो चुकी थी पर भवन स्वामी द्वारा सकारात्मक कदम नहीं उठाए जा रहे थे। लिहाजा, निगमायुक्त ने सीज करने के आदेश दिए।
भटकते रहे ग्राहक
सोमवार को बैंक खुला तो बैंक में ग्राहकों की भीड़ थी। जब निगमकर्मी बैंक पहुंचे तो ग्राहकों को स्थिति समझ में नहीं आई। आधे घंटे के अंदर बैंक सीज कर दिया गया। उसके बाद बैंक पहुंचने वाले ग्राहक भटकते नजर आए। उन्हें स्पष्ट नहीं था कि आखिर बैंक क्यों बंद है?
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