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Unique news: साक्षरता में कितना सशक्त है सतना, जानने के लिए पढि़ए यह खबर

locationसतनाPublished: Sep 08, 2018 03:16:09 am

Submitted by:

Pushpendra pandey

अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस, टॉप-20 में सतना व रीवा ने बनाई जगह
 

satna literacy

satna literacy

सतना. गांवों में एक कहावत कही जाती है … बिन आखर सब सून। यह वर्तमान की हकीकत है। शिक्षा से दूरी बनाने वाले लोग या क्षेत्र पिछड़ते जा रहे हैं, शिक्षा को अपनाने वाले आगे बढ़ रहे हैं। हां, शिक्षा से पहले अक्षर ज्ञान होना जरूरी है। विंध्य में संदर्भ में बात करें तो सतना व रीवा में तेजी से सकारात्मक बदलाव हुआ है। लिहाजा, इन दो जिलों में साक्षरता दर हर दशक में बढ़ी। परिणाम स्वरूप प्रदेश के टॉप 20 जिलों की सूची में ये दोनों शामिल हैं। जबकि सीधी, सिंगरौली व पन्ना की स्थिति खराब है। हालांकि ये अंतिम पायदान पर नहीं हैं, लेकिन प्रयास की जरूरत है।
ऐसा है स्थिति
सतना-रीवा की साक्षरता के मामले में बेहतर स्थिति रही। वर्ष 2011 में किए गए सर्वे के अनुसार सतना में साक्षरता 73.8 प्रतिशत और रैंकिंग 12वीं थी। रीवा 73.4 प्रतिशत साक्षरता के साथ 16वें स्थान पर था। सीधी 66.1 प्रतिशत साक्षरता के साथ 35वें स्थान पर रहा। पन्ना भी 66.1 प्रतिशत साक्षरता के साथ 36वें स्थान पर रहा। सिंगरौली 62.4 प्रतिशत साक्षरता के साथ 49वें स्थान पर रहा।

हर दशक बेहतर हुआ सतना
सतना-रीवा का हर दशक में साक्षरता ग्राफ ऊपर की ओर गया। वर्ष 1991 में सतना की साक्षरता 44.7 प्रतिशत थी, 2001 में 70.5 प्रतिशत हुई। 2011 में 73.8 प्रतिशत दर्ज की गई। इसी तरह रीवा भी 1991 में 44.4 प्रतिशत, 2001 में 62.0 प्रतिशत व 2011 में 73.4 प्रतिशत साक्षर दर्ज किया गया। हालांकि यही स्थिति सीधी, सिंगरौली व पन्ना की भी रही।

छोटे जिले आगे
विंध्य के जिलों से प्रदेश के कई छोटे जिले साक्षरता में आगे हैं। जबलपुर, इंदौर, भोपाल व ग्वालियर को छोड़ दिया जाए तो बालाघाट, सागर, नरसिंहपुर, भिंड, होशंगाबाद, रायसेन व हरदा रैंकिंग के मामले में सतना-रीवा से आगे हैं।
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस
अक्षर ज्ञान को लेकर ही अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने की शुरुआत हुई है। हर साल 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है, क्योंकि विश्व की आधे से ज्यादा समस्याओं की जड़ अशिक्षा है। इसलिए यूनेस्को ने 1966 में शिक्षा के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाने व विश्वभर के लोगों का इस तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय विश्व साक्षरता दिवस मनाने का निर्णय लिया था।
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