शहर के नई बस्ती क्षेत्र में सबसे ज्यादा अपंजीकृत और झोलाछाप चिकित्सक सक्रिय हैं। वे बिना डिग्री, डिप्लोमा इलाज कर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। मामले की जानकारी स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदारों को भी है पर इन पर कार्रवाई करना तो दूर कभी सूची तक नहीं बनाई गई।
शहारी स्वास्थ्य केंद्र टिकुरिया टोला से ड्यूटी के दौरान गायब होना आयुष चिकित्सक अर्चना गौर, स्टाफ नर्स ज्योति वर्मा सहित अन्य स्टाफ को महंगा साबित हुआ। जिला आयुष अधिकारी डॉ अरुण श्रीवास्तव ने डॉ अर्चना गौर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। सीएमएचओ डॉ विजय कुमार आरख ने स्टाफ नर्स ज्योति वर्मा, पांच एएनएम और सपोर्ट स्टाफ को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
क्षेत्र के लोगों को उम्मीद थी कि चिकित्सक की पदस्थापना के बाद उन्हें भटकाव नहीं झेलना पड़ेगा। क्षेत्र में ही बेहतर उपचार मिलेगा। लेकिन, पहले ही दिन लोगों को निराशा हाथ लगी। डॉ राजमणि शर्मा ज्वॉइन करने के बाद कागजी खानापूर्ति कर ड्यूटी करने की बजाय चलते बने। चिकित्सक ने स्टॉफ को बताया कि उन्हें सीएमएचओ ऑफिस बुलाया गया है। जबकि सीएमएचओ ऑफिस के किसी भी स्वास्थ्य अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की।
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नई बस्ती में रोजाना 50 से 60 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। मंगलवार को ड्यूटी पर स्टाफ नर्स ज्योति सोनी और सपोर्ट स्टाफ अनिल कुशवाहा मौजूद थे। स्टाफ नर्स और सपोर्ट स्टाफ के भरोसे केंद्र चल रहा था।
पद स्वीकृत कार्यरत
चिकित्सक 02 01
स्टाफ नर्स 03 01
फॉर्मासिस्ट 02 00
एएनएम 05 01
लैब टेक्नीशियन 01 00
सहयोगी कर्मचारी 01 01