स्वास्थ्य महकमे के रिकॉर्ड की माने तो स्टाफ के नियमित मौजूद नहीं रहने के बाद भी टिकुरिया टोला स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रोजाना 30 से 50 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। स्टाफ यदि रोजाना समय पर पहुंचे तो ओपीडी आने वाले पीडि़तों की संख्या बढ़ सकती है। लेकिन स्टाफ की लापरवाही से पीडि़तों को जिला अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इससे जिला अस्पताल में रोगियों का भार दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। इधर, टिकुरिया टोला शहरी स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ की मनमानी का खामियाजा पीडि़तों को भुगतना पड़ रहा। स्लम एरिये में जगह-जगह अंपजीकृत चिकित्सक सक्रिय हैं। पीडि़त मजबूरी में उनके पास इलाज कराने जा रहे। वहां इनकी मजबूरी का फायदा उठाकर इलाज के नाम पर मनमानी फीस वसूली जा रही है।
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टिकुरिया टोला में आयुष चिकित्सक डॉ अर्चना गौर, स्टाफ नर्स ज्योति वर्मा सहित आउट सोर्स से तैनात एक सपोर्ट स्टाफ की शनिवार को ड्यूटी थी। लेकिन, चिकित्सक सहित पूरा स्टाफ केंद्र से गायब था। केंद्र में पांच एएनएम भी पदस्थ हैं जिनके बारे में बताया गया कि फील्ड में हैं पर इनका फील्ड में भी पता नहीं था। केंद्र पहुंचने वाले पीडि़त बिना इलाज लौट रहे थे।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टिकुरिया टोला के लिए दो चिकित्सक, 3 स्टाफ नर्स, 2 फार्मासिस्ट, 5 एएनएम, 1 लैब टेक्नीशियन और 1 सहयोगी कर्मचारी का पद स्वीकृत किया है। फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन और स्टॉफ नर्स के पद खाली हैं। आयुष महकमे ने डॉ अर्चना गौर की ड्यूटी लगाई है। एलोपैथी के चिकित्सक की पदस्थापना भी हो चुकी है जो सोमवार को ज्वाइन करेंगे।
सीएमएचओ : यह गंभीर लापरवाही है। मैं मीटिंग में व्यस्त हूं, नहीं तो खुद मौके पर आता?
सीएमएचओ : सभी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा। पुताई की वजह से केंद्र बंद किया जा सकता है ?
सीएमएचओ : ओपीडी किसी भी स्थिति में बंद नहीं की जा सकती। आपसे जानकारी मिली है। सभी पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ अरुण श्रीवास्तव, जिला आयुष अधिकारी
पद स्वीकृत पदस्थापना
चिकित्सक 02 02
स्टाफ नर्स 03 01
फार्मासिस्ट 02 0
एएनएम 5 5
लैब टेक्नी. 01 0
सहयोगी 01 1