सतना

सूखी टंकी, हांफ रहे बोर, MP के इस जिले में जलसंकट का शोर

पानी के लिए जनता के बीच मारामारी: नहीं चेत रहा प्रशासन, सुबह से पानी भरने के लिए लगती है डिब्बों की कतार

सतनाMar 12, 2018 / 12:28 pm

suresh mishra

water crisis and monsoon factor in india

सतना। गर्मी का मौसम शुरू होते ही शहर में जलसंकट का शोर सुनाई देने लगा है। शहर की पॉश कॉलोनियां हों या आउटर में बसी बस्तियां, हर वार्ड में पानी की किल्लत देखी जा रही है। बिड़ला फैक्ट्री के पीछे बसी घूरडांग बस्ती की कई कॉलोनियां एक माह से जलसंकट से जूझ रही हैं।
इसकी शिकायत करने के बाद भी निगम प्रशासन द्वारा पेयजल की व्यवस्था नहीं की जा रही है।कॉलोनी में चालू हैंडपंप और पानी की टंकी में लगी डिब्बों की कतार को देखकर बस्ती में जलसंकट की स्थिति का अनुमान सहजता से लगाया जा सकता है।
सुबह चार बजे से लोगों की भीड़ जमा

लोगों का कहना है, बस्ती में अमृत योजना की पाइपलाइन अभी तक नहीं पड़ी। पुरानी पाइपलाइन पड़ी है, उससे पानी की सप्लाई आज तक नहीं की जा सकी। वार्ड के अधिकांश हैंडपंप हवा उगलने लगे हैं। एक सरकारी बोरिंग पानी दे रही है, जिसमें सुबह चार बजे से लोगों की भीड़ जमा हो जाती है।
रोज होती है हाथापाई
संत नगर घूरडांग के रहवासियों का कहना है, कॉलोनी में बनी पानी की एकमात्र टंकी महीनों से सूखी पड़ी है। बोरिंग मात्र एक घंटा ही पानी देता है। इसमें पानी भरने के लिए दो सौ परिवारों की भीड़ जुटती है। बोर में पर्याप्त पानी न होने के कारण रोज सुबह पानी भरने लोगों के बीच हाथापाई की नौबत आ रही है। इसके बाजवूद नगर निगम प्रशासन वार्ड में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था नहीं कर रहा।
जलावर्धन योजना घूरडांग की जनता की प्यास नहीं बुझा पा रही। वार्ड के अधिकांश जलस्त्रोत सूख चुके हैं। जो चालू हैं वह भी 10-20 डिब्बा से अधिक पानी नहीं दे रहे।
पं. सतेन्द्र गर्ग, रहवासी संतनगर
निगम शहर को स्मार्ट बनाने में जुटा है। जनता पानी के लिए तरस रही है। पहले वार्डों में पानी के प्रबंध किए जाएं। बाद में विकास की बात हो। बिना पानी के शहर स्मार्ट नहीं होगा।
कुबेर पाण्डेय, आदर्श नगर

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