बता दें कि 4 अगस्त को हाथियों का एक झुंड कुसमी क्षेत्र के कुंदौर में पहुंचा था। फिर 4-5 अगस्त की रात से तांडव मचाना शुरू किया। कुंदौर सहित पोड़ी, करौंटी, अमगांव, मेढ़की, झपरी, शंकरपुर, परासी, ओड़इसा, चरकी, माटा, नौढिय़ा, घोघी, रतवार, दूबीडोल गांव में जमकर उत्पात मचाए थे। हाथियों के उत्पात से परेशान ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन के बाद क्षेत्र संचालक संजय टाइगर रिजर्व ने प्रतिवेदन तैयार किया। वन विभाग मुख्यालय को पत्राचार किया कि छग राज्य की सीमा से पांच जंगली हाथी सीधी जिले में प्रवेश कर कई गांवों में घर व जान-माल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। साथ ही आमजन पर भी हमला कर रहे है। जिसके आधार पर मुख्य वन जीव अभिरक्षक के अनुमोदन पश्चात अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी भोपाल ने गत ४ सितंबर को आदेश दिया कि हाथियों को वन क्षेत्र से रेस्क्यूकर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया में क्राल बनाकर रखा जाए।
अचानक हाथी की मृत हो जाने से मामला संदेहास्पद बन गया है, जिससे प्रशासन द्वारा गंभीरता बरतते हुए मृत हाथी के पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सकों का दल गठित किया गया। जिसमें एक-एक चिकित्सक तीन अलग-अलग स्थानों से बुलाए गए थे। जिसमें एक चिकित्सक रीवा, मुकुंदपुर व संजय टाइगर रिजर्व के चिकित्सक द्वारा पोस्ट मार्टम किया गया। वहीं पूरी स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए जबलपुर से फोरेंसी विटनरी कॉलेज से विशेषज्ञ को बुलाया गया था।
हाथी की मौत के कारणों का खुलास पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा। जिसकी जांच के लिए विसरा को दो अलग-अलग स्थानों पर भेजा गया है। जबलपुर व हैदराबाद से रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का खुलासा होने की बात कही जा रही है।
बंधक बनाई गई हाथी के मौत के मामले को लेकर मध्यप्रदेश वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक शाहबाज अहमद ने जांच के आदेश जारी कर दि हैं। सूत्रों की बात मानें तो हाथी की मौत जहर सेवन से हुई है। स्थानीय ग्रामीणों ने ही जहर दिया है। जिससे हाथी की मौत हुई है। जहर देने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं। वहीं चौकाने वाली बात भी सामने आई है, जो चार हाथी अभी जिंदा हैं उनके शरीर में गोलियों के छर्रे मिले हैं, इन हाथियों को किसने गोली मारी इसका खुलासा अब तक नहीं चल पाया है।
हाथी की मौत होने के बाद तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम द्वारा पीएम किया गया। उसके बाद दाह संस्कार कर दिया है। मौत किस वजह से हुई इसका खुलासा पीएम रिपोर्ट आने के बाद हो पाएगा।
पीपीएस परिहार, उपवनमंडलाधिकारी सीधी