– महिला उद्यमी के सफलता की कहानी: ‘मोम’ सी मासूम ने सीखा पत्थरों से जूझना- शादी के बाद भविष्य की चिंता सताई तो लगाया क्रशर प्लांट – बैंक ऑफ बड़ौदा से लिया था 52 लाख का लोन, अब बचा सिर्फ 25 लाख- 50 ग्रामीणों को आज प्लांट में मिला है रोजगार
woman start 50 TPS Stone Crushing Plant at husband house
सुरेश मिश्रा@सतना। कहते हैं कि लगन से कोई भी काम करो, सफलता जरूर मिलती है। अपने फौलादी इरादों से इसे साकार किया है जिले के जनार्दनपुर-रामनगर के विद्यानंद शर्मा की बेटी सुशीला ने। शर्मा बिजुरी स्थित कोल कंपनी में शिफ्ट इंचार्ज थे। बेटी सुशीला ने बचपन से ही पापा से पत्थरों का सही इस्तेमाल सीखा। शादी के बाद जब उसे भविष्य की चिंता सताने लगी तो पापा की सीख का सही उपयोग किया। बैंक से करीब 52 लाख का लोन लेकर ससुराल में क्रशर प्लांट डाल दिया। आज प्लांट में करीब 50 से अधिक ग्रामीण काम कर रहे हैं।
Stone Crushing Plant at husband house” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/07/05/sk_2_4797668-m.jpg”>Patrika IMAGE CREDIT: Patrika शर्मा बताते हैं बेटी सुशीला का 1 जुलाई 1978 को जन्म हुआ तो परिवार में खुशियां छा गईं। बेटी को अच्छी शिक्षा-दीक्षा के साथ पत्थरों की खूूबियां भी बताई। बीए कम्पलीट होते ही २७ मई 2000 को चूली गांव निवासी पुष्पराज तिवारी से विवाह कर दिया। कुछ दिन तक सब कुछ सही चल रहा था। लेकिन, एक बेटा और एक बेटी होते ही सुशीला को भविष्य की चिंता सताने लगी। दो साल तक पति-पत्नी ने एक इलेक्ट्रॉनिक दुकान में 2500 रुपए की नौकरी किए।
Patrika IMAGE CREDIT: Patrika लेकिन, इतनी छोटी रकम से घर चलाना मुश्किल हो रहा था। एक दिन टीवी विज्ञापनों से सुशीला को मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना की जानकारी मिली, तो पति से चर्चा कर लोन लेने की ठानी। पति ने भी पत्नी की बातों को अमल करते हुए समय-समय पर साथ दिया। 2015 में क्रशर प्लांट के लिए 52 लाख का लोन लिया। 2017-18 में रामस्थान से प्रिज्म की ओर जाने वाले मार्ग पर 50 टीपीएस क्रशर का शुभारंभ हुआ। यहां करीब 50 से अधिक ग्रामीणों को रोजगार भी मुहैया कराया है। बैंक से लिया लोन भी आधा चुका दिया है।
Patrika IMAGE CREDIT: Patrikaकैसे सच हुआ सपना सुशीला तिवारी ने ‘पत्रिका’ को बताया, बिना पैसे के उद्यमी बनने का सपना सच करना किसी चुनौती से कम नहीं था। करीब 1 वर्ष तक पति के साथ एक झोला लेकर चली। पर, हमने हार नहीं मानी और रोजगार कार्यालय के प्रबंधक ने हमारी मेहनत को देखकर मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का लाभ दिलाने के लिए प्रण कर लिया। बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारी भी समय-समय पर सहयोग दिए। इससे क्रशर प्लांट डालने का सपना सच साबित हुआ।
Patrika IMAGE CREDIT: Patrikaसंघर्ष करें, पीछे मत हटें सुशीला कहती हैं, वक्त और हालात कब बदल जाएं ये कोई नहीं जानता। लेकिन बहुद हद तक हमारी जिंदगी की दशा और दिशा इस बात पर निर्भर करती है कि हम बुरे हालात का सामना कैसे करते हैं। परिस्थितियों से संघर्ष करें, सफलता जरूर मिलेगी।
3 और लोगों का सच हुआ सपना क्रशर के शुभारंभ के समय मौजूद पति के तीन और दोस्तों का सपना आज साकार हो गया है। पंकज मिश्रा का क्रशर जनार्दनपुर में संचालित हो रहा। आशीष सिंह का क्रशर बाबूपुर में तो अतुल तिवारी का क्रशर प्लांट प्रक्रियाधीन है।