दोनों हाथ से लिखने में पारंगत
चेयरमैन जेनिस रोज वीणा वादिनी पब्लिक स्कूल के बच्चों को नवां अजूबा बताया ऐसा इसलिए क्योंकि इस स्कूल में पढ़ने बच्चे करीबे दो सौ बच्चे दोनों हाथ से एक साथ लिखने की कला में पारंगत हो चुके हैं। इनके लिखने की स्पीड कम्प्यूटर के की बोर्ड से भी तेज है। ये बच्चें आधे घंटे में पूरा होने वाले काम को कुछ मिनटों में करके रख देते है।
कई भाषाओं को जानते हैं यहां के बच्चे
इस स्कूल के बच्चे अपने दोनों हाथों से हिन्दी-अंग्रेजी या उर्दू-रोमन में एक साथ लिख लेते है। बच्चों का का दो भाषाओं में लिखने का ये अंदाज कई लोगों को हैरत में डाल चुका है। आपको बता दें कि पहाड़ों से घिरा ये गांव पिछड़ेपन का शिकार है लेकिन यहां के बच्चों में शिक्षा का ये भंडार देखकर लोगों की आंखें खुली रह जाती है। यहां के स्कूल में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई होती है। नन्हें हाथ देवनागरी लिपि, उर्दू, स्पेनिस, रोमन, अंग्रेजी सहित छह भाषाओं में लिखते हैं। दोनों हाथों से लिखने का कम्पटीशन होता है जिसमे ये बच्चे 11 घंटे में 24000 शब्द लिखने की क्षमता रखते हैं।
ट्रांसलेशन में हैं उस्ताज
वीणा वादिनी स्कूल के बच्चे 45 सेकंड में उर्दू में गिनती, 1 मिनट में रोमन में गिनती, 1 मिनट में देवनागरी लिपि में गिनती, 1 मिनट में देवनागरी लिपि में पहाड़ा और 1 मिनट में दो भाषाओं के 250 शब्दों का ट्रांसलेशन कर लेते है। इतना ही इन बच्चों के जज्बे को द्खते हुए गांव के आसपास पोड़ी, बुधेला, पिपरा झांपी, नौगई, डिग्घी, बिहरा, राजा सर्रई आदि गांव के बच्चे भी आगे से आगे बढ़कर इस कला को सीखने में दिलचस्पी ले रहे है।
दे चुके हैं मात
इस गांव में भले ही संसाधन की कमी रही हो लेकिन यहां के बच्चे कमाल कर रहे है। इस स्कूल में पढ़ कर निकलने वाले छात्र आशुतोष शर्मा ने सिंगरौली के उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नौवीं कक्षा पढ़ाई करते हुए गणित में 100 में से 99 अंक अर्जित किए, जो अपने आप में इस गांव के लिए एक बड़ा रिकार्ड है।