ताजी और शुद्ध सब्जियों के लिए लिया निर्णय
सेवानिवृत्त प्राचार्य गणेश प्रसाद मिश्रा को बागवानी का बेहद शौक रहा। शिक्षक पद पर होते हुए भी वे बागवानी के लिए समय निकालते थे। २०१० में रिटायरमेंट के बाद वे पूरी तरह से बागवानी को समय देने लगे।विराट नगर उत्तरी पतेरी में पहले बगीचा बनाया। इसके बाद उसको फार्म हाउस में तब्दील कर दिया। अब वहां सीजनली सब्जियां भी उगाई जा रही हैं। उनका कहना है कि बाजार में पेस्टीसाइड सब्जियां व साग मिलती हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। इसलिए उन्होंने अपने फार्म हाउस में सब्जियां उगानी शुरू कर दी। वह खुद ही सब्जियों के पौधे लगाते हैं। उन पर गोबर खाद, पानी डालते हैं। उनके यहां सीजन के अनुसार सब्जियां उगाई जाती हैं। हर तरह की भाजी, गोभी, टमाटर, प्याज, लौकी, कद्दू, खीरा, गिलकी और मिर्च होती है। उनका कहना है कि उनका पूरा परिवार सब्जियों की बागिया का रख रखाव करता है।
सेवानिवृत्त प्राचार्य गणेश प्रसाद मिश्रा को बागवानी का बेहद शौक रहा। शिक्षक पद पर होते हुए भी वे बागवानी के लिए समय निकालते थे। २०१० में रिटायरमेंट के बाद वे पूरी तरह से बागवानी को समय देने लगे।विराट नगर उत्तरी पतेरी में पहले बगीचा बनाया। इसके बाद उसको फार्म हाउस में तब्दील कर दिया। अब वहां सीजनली सब्जियां भी उगाई जा रही हैं। उनका कहना है कि बाजार में पेस्टीसाइड सब्जियां व साग मिलती हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। इसलिए उन्होंने अपने फार्म हाउस में सब्जियां उगानी शुरू कर दी। वह खुद ही सब्जियों के पौधे लगाते हैं। उन पर गोबर खाद, पानी डालते हैं। उनके यहां सीजन के अनुसार सब्जियां उगाई जाती हैं। हर तरह की भाजी, गोभी, टमाटर, प्याज, लौकी, कद्दू, खीरा, गिलकी और मिर्च होती है। उनका कहना है कि उनका पूरा परिवार सब्जियों की बागिया का रख रखाव करता है।
ये हैं फायदे – घर में उगी सब्जियों को बनाने से आपका बजट मेंटेन रहता है।
– ये सब्जियां अच्छी और सस्ती रहती हैं। – जब मूड किया ताजी सब्जियों को तोड़कर इस्तेमाल किया जा सकता है।
– बाजार से खरीदी सब्जियां में पेस्टिसाइड मिला होता है। घर की सब्जियां एक दाम शुद्ध होती है।