सतना

Year Ender-2017: 3 लोगों को जिंदा जलाने वाले डकैत का हुआ खात्मा, दहशत में बीता साल

वर्ष 2017 में कई डकैतों का हुआ सफाया, डकैतों का बढ़ा आतंक, तो सीएम ने पुलिस को किया फ्री हैंड

सतनाDec 23, 2017 / 03:08 pm

suresh mishra

Year Ender-2017: Story of MP-UP dacoit

सतना। विंध्य की औद्योगिक नगरी सतना जिला दस्यु समस्या के लिए भी पहचाना जाता है। इसके एक बड़े हिस्से पर डकैतों का राज चलता है। हर साल नए डकैत गिरोह बनते हैं और खत्म होते हैं। तराई की पहचान आतंक व जंगल से जुड़ी हुई है। ददुआ, बलखडिय़ा, ठोकिया, सुंदर जैसे दस्यु सरगना लम्बे समय तक आतंक का पर्याय रहे। डकैत व पुलिस का खेल डाल-डाल पात-पात जैसा रहा है। यह सिलसिला वर्ष 2017 में भी आगे बढ़ता दिखा।
दस्यु सरगना ललित पटेल बहुत कम समय में आतंक का पर्याय बना तो साढ़े छह लाख के इनामी दस्यु बबुली ने सपा नेता के बेटे और रेलकर्मी का अपहरण कर सनसनी फैला दी। तीन ग्रामीणों का अपहण कर जिंदा जलाने की घटना, स्कूल से हेडमास्टर के अपहरण की वारदात ने हड़कंप मचा दिया।
मझगवां की सभा में पुलिस को फ्री हैंड

ग्रामीण पलायन को मजबूर हो गए। स्थिति की नजाकत को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मझगवां की सभा में पुलिस को फ्री हैंड किया। तभी से आतंक पर नियंत्रण शुरू हो गया। यूपी एसटीएफ ने गोप्पा को गिरफ्तार किया, तो यूपी पुलिस ने बबुली गैंग की कमर तोड़कर रख दी। हालांकि इसकी कीमत एक दरोगी की शहीदी के रूप में चुकानी पड़ी।
जब ललित 30 हजार से 1.30 लाख रुपए का इनामी हुआ
दस्यु सरगना ललित पटेल को पुलिस ने सात अगस्त को मुठभेड़ में मार गिराया। इस घटना से पहले उसका चंद माह का इतिहास रहा। ललित ने तराई में लूट, हत्या, अपहरण व डकैती से वह आतंक फैलाया कि पुलिस के रिकार्ड में 30 हजार से 1.30 लाख का इनामी हो गया। चार जुलाई को उस वक्त सनसनी फैल गई जब तीन ग्रामीणों के जले अवशेष जंगल में मिले। ललित ने अपहरण के बाद उनको जिंदा जला दिया था।
ललित की पूरी गैंग खत्म

मृत युवकों के परिजनों को गांव से पलायन करने को मजबूर कर दिया था। इस वारदात के चंद दिनों बाद मुडिय़ादेव स्कूल से हेडमास्टर यशोदा कोल का बंदूक के बल पर अपहरण कर लिया था। चार लाख की फिरौती के बाद पकड़ छूटी थी। एक के बाद एक वारदात ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी। हालांकि यह दहशत सात अगस्त को हमेशा के लिए खत्म हो गई। पुलिस ने बाद में अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर पूरी गैंग का खत्म कर दिया।
पहले आतंक फैलाया, अब पुलिस से बचते घूम रहा बबुली
डकैत बबुली कोल ने वर्ष 2017 में सबसे ज्यादा आतंक मचाया। साढ़े छह लाख के इनामी ने कई वारदातों को अंजाम दिया। यूपी पुलिस के साथ मानिकपुर के जंगल में दो बार उसकी मुठभेड़ भी हुई। उसने 30 जुलाई को टिकरिया स्टेशन के फाटक से सपा नेता संतू सिंह के बेटे विजय सिंह व रेलकर्मी बलवंत का अपहरण कर हड़कंप मचा दिया था। करीब 10 लाख की फिरौती के बाद पकड़ छोड़ी। इससे पहले 16 मई को मानिकपुर में बारात पर धावा बोला।
बारातियों को बंदूक की बट से पीटा

वहां जनवासे में सो रहे बारातियों को बंदूक की बट से पीटा और उनके पास से मोबाइल, घड़ी व नकदी रुपए छीन लिए। 20 अक्टूबर को मानिकपुर के जंगल में यूपी पुलिस ने गैंग को घेर लिया। अल सुबह शुरू हुई मुठभेड़ में चार डकैत गिरफ्तार हुए। 50 हजार के इनामी डकैत लवलेश के मारे जाने की खबर आई। बबुली रात के अंधेरे में भागने में कामयाब रहा। दो दिन बाद फिर पुलिस ने घेरा। फिलहाल पुलिस से छिपते घूम रहा है।
पत्नी के कारण गिरफ्तार हुआ दस्यु सरगना गोप्पा
तराई में दस्यु सरगना गोप्पा उर्फ रामगोपाल दशहत का बड़ा नाम था। लेकिन, यूपी एसटीएफ ने 29 जुलाई 2017 को उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। उसकी गिरफ्तारी का सबसे बड़ा कारण पत्नी बनी। दरअसल, उसकी पत्नी मझगवां में रहती थी। बीमार होने के कारण उसने गोप्पा से संपर्क किया। दोनों ने जीप से कहीं जाने की योजना बनाई, जिसकी भनक यूपी एसटीएफ को लग चुकी थी।
एसटीएफ ने घेराबंदी करते हुए गिरफ्तार कर लिया

जब गोप्पा की पत्नी जीप से रवाना हुई, तो एसटीएफ ने पीछा करना शुरू कर दिया। चित्रकूट में जब गोप्पा पत्नी से मिला तो एसटीएफ ने घेराबंदी करते हुए गिरफ्तार कर लिया। एमपी व यूपी पुलिस को भनक तक नहीं लगी और यूपी एसटीएफ ने 1.05 लाख के इनामी को जेल पहुंचा दिया।
डकैत राजू को पीट-पीटकर मार डाला
मई के पहले सप्ताह में डाकू राजू ठाकुर को उस वक्त ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मार डाला, जब वह गैंग के साथ भरतकूप क्षेत्र में बारात में हमला करने पहुंचे था। उसने दुल्हन के भाई को गोली मारी तो ग्रामीण भड़क गए। गैग पर हमला कर ग्रामीणों ने डकैत राजू ठाकुर को पकड़ लिया। उसे पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। गैंग के अन्य सदस्य भाग खड़े हुए। राजू पर इनाम मात्र दो हजार का था। लेकिन, छह माह के अंदर उसने कई वारदातों को अंजाम दिया था। भरतकूप क्षेत्र में जमकर दहशत फैला रखी थी।
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अन्य सुर्खियां
– 23 मई को डकैत बबुली गैंग ने मारकुंडी थाने से तीन किलोमीटर दूर मानिकपुर-सतना मार्ग पर घंटों लूटपाट की।
– 13 जून को पुलिस ने घेराबंदी करते हुए डकैत बबुली उर्फ मम्मी को गिरफ्तार किया है। इसके कब्जे से तमंचा और कारतूस बरामद किए गए।
– जुलाई में डाकू गोप्पा के गैंग और पुलिस के बीच महुलिया जंगल में मुठभेड हुई। दोनों तरफ से करीब पांच घंटे फायरिंग हुई।
– तीन सिंतबर को मड़वरिया के जंगल में हुई मुठभेड़ में बबुली गैंग का सदस्य शारदा कोल मारा गया।
– एक नवंबर को रैपुरा थाने के महूलिया गांव में डकैतों ने किसानों पर गोलियां बरसाईं। इसमें एक किसान की मौत हो गई और एक घायल हो गया। गोलियां खूंखार डकैत गोप्पा के भांजे रजउआ और साथियों ने चलाई।
– 16 नवंबर को डकैत शंकर केवट गिरफ्तार हुआ।
– 28 नवंबर को खरौंध गांव के बाहर से विद्युत टॉवर लगवा रहे मेठ मोहनलाल पटेल को डकैतों ने अपहरण कर लिया था।

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