जीआरपी उप थाना प्रभारी संतोष तिवारी ने बताया कि सोमवार को मुखबिर से खबर मिली थी कि टैक्सी स्टैंड में एक युवक महंगे मोबाइल फोन बेच रहा है। सूचना पर एएसआई गोविंद त्रिपाठी, प्रधान आरक्षक संजय मांझी, आरक्षक दयाचंद तिवारी, गणेश तिवारी, गौरव ने घेराबंदी कर मोबाइल फोन बेचने वाले युवक को पकड़ लिया। पूछताछ में युवक ने खुद को रविकांत मिश्रा पुत्र लक्ष्मीकांत मिश्रा (25) निवासी रजरवार थाना कोटर बताया। तलाशी लेने पर उसके कब्जे से पांच महंगे मोबाइल फोन समेत 10 मोबाइल बरामद हुए।
जीआरपी उप थाना प्रभारी तिवारी ने बताया, पूछताछ के दौरान आरोपी रविकांत ने खुलासा किया है कि वह चार महीने पहले ही अमरीका से लौटा है। वहां रविशंकर महाराज की आर्ट ऑफ लिविंग संस्था से जुड़ा रहा। अमरीका से आने के बाद यहां काम की तलाश में था तभी उसका मोबाइल फोन चोरी हुआ। इसके बाद से ही वह चोरी करने लगा।
जीआरपी की पूछताछ में आरोपी रविकांत ने बताया कि दो महीने पहले बस स्टैंड से उसका एंड्राइड मोबाइल फोन चोरी हो गया था। इसके बाद से ही उसने ठान लिया था कि वह किसी भी हाथ में मोबाइल फोन नहीं रहने देगा। वह मोबाइल फोन चोरी करने लगा। आरोपी ने बाबूपुर में किराए से कमरा लिया है। उसने सतना से कटनी के बीच का रेल टिकट बनवाया है। इसलिए रात को गुजरने वाली यात्री ट्रेनों से मोबाइल फोन चोरी करने लगा। आरोपी अधिकांश रीवा से नागपुर जाने वाली ट्रेन के यात्रियों को निशाना बनाता था। अब आरोपी के कब्जे से बरामद मोबाइल फोन के मालिकों के बारे में सायबर सेल की मदद से पता लगाया जा रहा है।
गांव वालों ने बताया कि उसने यूएस में जो भी दौलत कमाई उससे सबसे पहले शहर में एक प्लाट लिया। फिर उसी घर में निर्माण कराने लगा। लाखों रुपए गृह कार्य में खर्च होते गए। इसी बीच उसका वीजा कैंसिल हो गया और वह इंडिया लौट आया। यहां लौटने पर उसके द्वारा पिता जी को दी गई पूरी रकम खर्च हो गई थी। इसीलिए वह एक अच्छी नौकरी की तलाश में था। लेकिन उसका आई फोन चोरी हो गया और उसकी मनोदशा बिगड़ गई।