सतना

टारगेट बेस्ड जॉब से यूथ परेशान, बढ़ रही दीमागी परेशानी

डॉक्टरों की राय तनाव से बचने नहीं लें नशे का सहारा, म्यूजिक और योग बन सकते हैं मददगार

सतनाDec 11, 2018 / 10:37 pm

Jyoti Gupta

Youth upset with target-based job, increasing heartburn trouble

सतना. कई प्राइवेट सेक्टर से जुड़े ज्यादातर युवा टारगेट बेस्ड जॉब के प्रेशर से परेशानी का सामना कर रहे हैं । कर्मचारी की पोस्ट छोटी हो या बड़ी उसके कंधे पर टारगेट का भार हर महीने रखा जाता है। इससे वे न चाहते हुए भी तनाव में पहुंच रहे हैं और इससे बचने के लिए नशे का सहारा ले रहे हैं। इससे उनका परिवार भी प्रभावित हो रहा है। मनो चिकित्सकों का कहना है कि तनाव के कारण सबसे ज्यादा युवा स्मोकिंग की तरफ आकर्षित हो रहे हैं उन्हें लगता है कि एक कश लेने से सारी समस्या धुएं के साथ खत्म हो जाती है। यह बात सही भी है जब तनाव में स्मोकिंग या फि र धूम्रपान किया जाता है। तब तंबाकू में मिली निकोटिन रिलेक्स मोड पर लेकर जाती है। मगर इसके परिणाम भयंकर सामने आते हैं। इस तरह की परेशानियों जूझ रहे युवा अब शहर के मनोचिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं।
व्यवस्थित जिंदगी है इलाज
शहर के मनोचित्सिकों का कहना है तनाव ग्रसित जॉब करने वाले युवा उनके पास समाधान के लिए पहुंचा रहे हैं। उन्हें बताया जा रहा है कि अगर आप टारगेट बेस्ड जॉब कर रहे हैं तो इसका उपचार नशा नहीं बल्कि व्यवस्थित जिंदगी जीना है। तनाव में योग को काफी मददगार माना जाता है। योग करने के बाद दिमाग से तनाव काफी हद तक कम हो जाता है। टेंशन कम करने के लिए म्यूजिक भी सुना जा सकता है ।
इसलिए जरूरी है बेहतर लाइफ स्टाइल

शौक-शौक में किया गया नशा एक आदत में तब्दील हो जाता है। जिससे हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज का खतरा बढ़ जाता है।
तंबाकू से लंग कैंसर का खतरा 13 गुना अधिक बढ़ जाता है।
सांस की बीमारी हो सकती है।
फ ीमेल के लगातार तनाव में रहने से वह बांझपन का शिकार हो सकती है।
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