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आखिरकार 12 दिन बाद वन विभाग के जाल में फंसा बाघ, टी-104 को किया टे्रंकुलाइज

locationसवाई माधोपुरPublished: Aug 12, 2019 07:57:31 pm

Submitted by:

Vijay Kumar Joliya

मासलपुर में ठीकरा गोशाला के पास बाघ हुआ टे्रंकुलाइज

Tiger in sawai madhopur

T-104 in sawai madhopur Ranthambore

सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर व कैलादेवी अभयारण्य के वन अधिकारियों के लिए सिरदर्द बने बाघ टी-104 को आखिरकार रविवार शाम करीब छह वन विभाग की टीम ने मासलपुर में ठीकरा गोशाला के पास टे्रंकुलाइज कर लिया। बाघ के टे्रंकुलाइज ( Tiger trapped ) होने से वन अधिकारियों व ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। गौरतलब है कि बाघ टी-104 ( T-104 terminated ) भूरी पहाड़ी से सपोटरा होते हुए कैलादेवी अभयारण्य पहुंचा था।

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वहीं एक बाघ ने यहां अभयारण्य की सीमा से करीब 15 किमी की दूरी पर दुर्गेशी घटा क्षेत्र में बकरी चराने गए एक चरवाहे रूपसिंह का शिकार कर लिया था। इसके बाद से ही वन विभाग की टीम बाघ को लगातार टे्रक कर टे्रंकुलाइज करने का प्रयास कर रही थी। हालांकि वन विभाग ने यह पुष्टि नहीं की है कि इसी बाघ ने चरवाहे का शिकार किया था।
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शिकार बांधकर बिछाया ट्रेप
सुबह से ही बाघ की ट्रेकिंग कर रही वन विभाग की टीम को शाम करीब चार बजे मासलपुर में ठीकरा गोशाला के पास नजर आया था। इसके बाद अधिकारियों ने बाघ को ट्रेप में फंसाने के लिए गोशाला के पास पाड़ा बांध दिया। इसके करीब पौने दो घंटे के बाद बाघ शिकार के नजदीक पहुंचा तो ेटीम ने बाघ को टे्रंकुलाइज कर लिया।

एनक्लोजर में भी रखा जा सकता है बाघ
वन विभाग की टीम बाघ को लेकर कैलादेवी अभयारण्य से निकल चुकी है। रात करीब साढ़े ग्यारह बजे तक टीम ने रणथम्भौर में पहुंचने की संभावना है। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बाघ को कुछ दिनों के लिए तालेड़ा के भिड में बनाए गए एनक्लोजर में निगरानी में रखा जा सकता है। इसके बाद बाघ को वापस जंगल में छोड़ा जा
सकता है।

ये रहे मौजूद….
वन विभाग के ऑपरेशन के दौरान रणथम्भौर के एसीएफ संजीव शर्मा, टे्रंकुलाइजर एक्सपर्ट राजवीर सिंह, अतुल गुर्जर, पशु चिकित्सक डॉ. राजीव गर्ग व कैलादेवी अभयारण्य करौली उपवन संरक्षक श्रवणकुमार रेड्डी, उपवन संरक्षक हेमंत सिंह, एसीएफ लाखनसिंह, मासलपुर के क्षेत्रीय वन अधिकारी विजयपाल मीणा, खेड़ा वनपाल महेश चंद्र शर्मा आदि मौजूद थे।
यूं चला घटना क्रम
4.00 बजे सुबह पहुंची वन विभाग की टीम
6.00 बजे से वन कर्मियों ने टे्रकिंग शुरू की
4.00 बजे गौशाला के पास नजर आया बाघ
4.30 बजे बाघ के लिए पाड़ा बांधा गया।
5.40 पर शिकार के पास पहुंचा बाघ
5.51 पर बाघ को किया टे्रकुंलाइज
6.20 मिनट पर चिकित्सक ने बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण किया
7.00 बजे बाघ को पिंजरे में शिफ्ट किया
7.20 बजे बाघ को रिवाइल दिया।
7.37 बजे पिंजरे को वाहन में रखा
8.00 बजे वन विभाग का वाहन रणथम्भौर के लिए रवाना।

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