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कृषि छात्र परेशान: रोजगार व उच्च अध्ययन पर संकट के बादल

locationसवाई माधोपुरPublished: Oct 14, 2019 06:09:15 pm

Submitted by:

Vijay Kumar Joliya

प्रदेश से बाहर अवसर खत्म: मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश ने बढ़ाई चिंताभारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से मान्यता को किया अनिवार्य
 

कृषि छात्र परेशान: रोजगार व उच्च अध्ययन पर संकट के बादल

Crisis cloud employment

सवाईमाधोपुर. मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के हाल के एक आदेश ने राजस्थान के विभिन्न कृषि महाविद्यालयों में अध्ययनरत् व पढ़ाई पूरी कर चुके छात्रों की परेशानी बढ़ा दी है। आदेश के तहत प्रदेश से बाहर रोजगार व उच्च अध्ययन के लिए छात्र-छात्राओं की डिग्री का भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से मान्य होना जरूरी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के कई कृषि महाविद्यालय आईसीएआर द्वारा जारी गाइड लाइन की पूर्ति नहीं करते है, इसके चलते इन कॉलेजों के अध्ययनरत् छात्रों की डिग्री को मान्यता नहीं दी गई है।

यह था मामला
राजस्थान के कई छात्र गत दस अक्टूबर को मध्यप्रदेश में उच्च अध्ययन में दाखिला लेने के लिए दस्तावेजों का सत्यापन कराने जबलपुर गए तो वहां न्यायालय के आदेशों का हवाला देकर विश्व विद्यालय प्रबंधन ने उनसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की डिग्री व एफिलेशन के बारे में पूछा। इस पर विद्यार्थियों ने बताया कि राजस्थान के कॉलेज कोटा, उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर आईसीएआर से मान्यता प्राप्त है। इसपर सूची में चैक किया तो बीकानेर का मान्यता का नवीनीकरण नहीं हुआ था। वहीं जब कोटा, जोबनेर, जोधपुर विश्वविद्यालय की बात आई तो आईसीएआर की लिस्ट में था, लेकिन इन विश्व विद्यालय के अधीन आने वाले सरकारी व निजी महाविद्यालयों की आईसीएआर से मान्यता नहीं थी। ऐसे में विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं दिया गया।

आईसीएआर से नहीं है मान्यता
कृषि महाविद्यालयों को संचालन के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से मान्यता लेनी होती है। लेकिन राजस्थान के अधिकतर कॉलेजों के पास आईसीएआर की मान्यता नहीं है। यहां केवल कोटा कृषि विश्वविद्यालय से ही मान्यता मिली हुई है।
एक नजर में पीजी कॉलेज
1971 में कॉलेज शुरू हुआ
1982 में कॉलेज में कृषि संकाय
240 विद्यार्थी अध्ययनरत है कृषि संकाय में
04 वर्षीय पाठ्यक्रम का होता है संचालन
09 व्याख्याता है कृषि संकाय के
यह है पेंच
महाविद्यालय प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार आईसीएआर से मान्यता के लिए कई मापदण्ड निर्धारित है। इसमें कृषि संकाय के लिए अलग महाविद्यालय भवन, कृषि फार्म,अलग से व्याख्याता व प्रयोगशाला आदि का होना आवश्यक है। लेकिन स्थानीय महाविद्यालय में कृषि संकाय के लिए अलग से भवन नहीं है। ऐसे में आईसीएआर मान्यता नहीं दे रही है।

240 विद्यार्थियों का भविष्य अंधेरे में
राजस्थान के बाहर आईसीएआर से मान्यता नहीं होने वाले कॉलेजों व विश्व विद्यालयों के विद्यार्थियों को नौकरी व उच्च अध्ययन में प्रवेश नहीं मिलने के कारण पीजी कॉलेज के कृषि संकाय के 240 विद्यार्थियों का भविष्य अधरझूल में लटक गया है। पीजी कॉलेज में कोटा विश्व विद्यालय की ओर से कृषि संकाय का चार वर्षीय पाठ्यक्रम संचालित है। इसमें कुल 240 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
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