शहर में ईद से पहले वार्डों में सफाई नहीं होने, अतिक्रमण हटाते समय लोगों से बदसलूकी किए जाने, मोर्रम मिट्टी डालने में अनियमितता होने, आवारा जानवरों को पकडऩे वाले ठेके को निरस्त करने, एलईडी लाइट के अभाव में वार्डों में अंधेरा होने, संविदा पर कार्यरत कार्मिकों को चेक से भुगतान करने, शौचालय बनवाने वालों को किस्त नहीं मिलने, सालोदा मोड़ और ईदगाह मोड़ के फाउंटेन बंद होने एवं चूली वाले नाले से अतिक्रमण हटाने आदि की समस्याओं को लेकर नगरपरिषद कार्यालय पहुंचे पार्षदों ने हंगामा कर दिया। पार्षदों ने हंगामा और नारेबाजी करते हुए नगरपरिषद के मुख्य गेट को साफी बांधकर बंद कर दिया।
आखिर समाधान क्यों नहीं?
पार्षदों बातचीत के दौरान एसडीएम मीना ने लिखित में मिलीं समस्याओं पर बिंदुवार चर्चा की। एसडीएम ने कहा कि यह ऐसी समस्याएं हैं, जिनको लेकर मैं पहले भी निर्देश दे चुका हूं। आखिर समस्याओं का समाधान क्यों नहीं हो रहा? एसडीएम ने टेंडर के जरिए काम कराने की नसीहत दी।
कागजों में पकड़े जानवर
बैठक में पार्षदों ने कहा कि आवारा जानवरों के विचरण से आए दिन हादसे हो रहे हैं। फरवरी में टेंडर होने के बाद भी यह जानवरों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। आरोप लगाए कि भुगतान में भी फर्जीवाड़ा हो रहा है। एसडीएम ने इस समस्या को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करने की बात कही। इसके अलावा पट्टे देने एवं निर्माण स्वीकृति पर भी पार्षदों ने आवाज उठाई। इस पर एसडीएम ने नियमानुसार काम करने की बात कही।
गूंजा शौचालय भुगतान का मामला
पार्षदों ने आरोप लगाए कि लोगों को शौचालय बनवाने वालों का भुगतान नहीं हो रहा है। पहली किस्त मिलने के बाद दूसरी किस्त लोगों को नहीं मिली है। इस पर एसडीएम ने ऐतराज जाहिर करते हुए कहा कि इस मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाए। गलत पैसा उठाने वालों के खिलाफ एफआईआर और वसूली जैसी कार्रवाई हो और वास्तविकता वालों को उनका पैसा दिया जाए। खास बात यह रही कि शौचालय भुगतान संबंधी कार्य देखने वाले तीन कार्मिक कई बार बुलावे के बाद एक साथ एसडीएम के समक्ष पहुंच सके।