scriptमोक्ष कल्याणक में बही श्रद्धा की बयार | Bewar of reverence in salvation Kalyanak | Patrika News

मोक्ष कल्याणक में बही श्रद्धा की बयार

locationसवाई माधोपुरPublished: Oct 18, 2018 01:17:39 pm

Submitted by:

Subhash

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सवाईमाधोपुर के आवासन मण्डल स्थित पाŸवनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में जिनेन्द्र देव का अभिषेक करते इन्द्रगण।

सवाईमाधोपुर. सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में बुधवार को जैन धर्म के 9वें तीर्थंकर भगवान पुष्पदन्त एवं 10वें तीर्थंकर भगवान शीतलनाथ का मोक्ष कल्याणक महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर नगर परिषद क्षेत्र के जिनालयों में जिनेन्द्र देव के अभिषेक, शांतिधारा एवं निर्वाण लड्डू चढ़ाने की धूम रही।इस दौरान आयोजित विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में धर्मावलम्बियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। समाज के प्रवक्ता प्रवीण जैन ने बताया कि इस अवसर पर आवासन मण्डल स्थित पाŸर्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में जल से रजत कलशों द्वारा जिनेन्द्र देव का प्रथम अभिषेक व शांतिधारा की गई। इसके बाद इन्द्र-इन्द्राणियों ने देव-शास्त्र-गुरु की पूजन के साथ भगवान पुष्पदंत एवं शीतलनाथ की अष्ट द्रव्यों से पूजन कर पंच कल्याणकों के अध्र्य समर्पित किए। इसके बाद निर्वाण कांड का सामूहिक उच्चारण करते हुए हाथों में अध्र्य, दीपक, श्रीफल लेकर मोदक प्रभु के चरणों में अर्पण किया। इस दौरान धर्मावलम्बी भक्तिरस में डूबे हुए थे। चन्द्रेश गर्ग, माया श्रीमाल, शैला पल्लीवाल व मीना जैन ने भजनों की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। महाअध्र्य समर्पण, शांति पाठ व विसर्जन विधि के साथ पूजा सम्पन्न हुई। पूजन के उपरांत जिनेन्द्र देव की आरती उतारी। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। इसी क्रम में दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी आलनपुर में वर्षायोग कर रहे सुकुमालनंदी ने प्रवचन के दौरान श्रावकों को धर्म का मर्म समझते हुए हृदय में धर्म की भावना, शुद्ध आचरण रख तप-आराधना-साधना के माध्यम से पुरूषार्थ कर मोक्ष रूपी मार्ग को अपनाकर जीवन सफल बनाने की बात कही। इससे पूर्व धर्मसभा के मंच पर विराजित मुनि सुनयनंदी व ऐलक सुलोकनंदी ने भी विचार व्यक्त किए।
जैन यात्रा दल रवाना
दिगम्बर जैन सेवा मण्डल चमत्कारजी आलनपुर के तत्वावधान में बुधवार को जैन धार्मिक क्षेत्रों की यात्रा के लिए अध्यक्ष मोहनलाल कासलीवाल एवं महामंत्री अरुण बाकलीवाल के नेतृत्व में 51 सदस्यीय दल रवाना हुआ। दल ने रवाना होने से पूर्व अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी में जिनेन्द्र देव के दर्शन कर श्रीफल समर्पित किया तथा आचार्य सुकुमालनंदी ससंघ से आशीर्वाद प्राप्त किया।
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