scriptसवाईमाधोपुर के रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में सबसे बडी खबर | biggest news in Ranthambore National Park of Sawai Madhopur | Patrika News

सवाईमाधोपुर के रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में सबसे बडी खबर

locationसवाई माधोपुरPublished: Sep 23, 2018 08:59:17 pm

Submitted by:

Vijay Kumar Joliya

www.patrika.com/rajasthan-news

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सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में नए पर्यटन वाहनोंं का पंजीयन नहीं किया जा रहा है। वहीं रणथम्भौर में पर्यटकों की पहली पसंद रही जिप्सी का उत्पादन भी संबंधित वाहन निर्माता कंपनी ने बंद कर दिया है। ऐसे में अब रणथम्भौर में नई जिप्सियां नजर नहीं आएंगी। कुछ साल बाद रणथम्भौर भ्रमण पर आने वाले पर्यटक जिप्सी में जंगल की सैर का लुत्फ नहीं उठा सकेंगे।
12 जिप्सियां नए सीजन से होंगी बंद
रणथम्भौर में एक अक्टूबर से शुरू होने वाले नए पर्यटन सत्र के लिए वाहनों के नवीनीकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसमें विभाग के मॉडल कंडीशन नियम के आधार पर नए सत्र में 12 जिप्सियां बाहर हो जाएंगी। मॉडल कंडीशन नियम के तहत किसी भी नए पर्यटन वाहन का रणथम्भौर में महज पांच साल तक ही संचालन किया जाता है।
692 वाहनों का होगा नवीनीकरण
नए पर्यटन सत्र में रणथम्भौर में कुल 392 पर्यटन वाहनों के पंजीयन का नवीनीकरण किया जाएगा। गत वर्ष रणथम्भौर में कुल 704 पर्यटन वाहनों का संचालन किया जा रहा था, लेकिन इस बार मॉडल कंडीशन नियम के आधार पर 12 जिप्सियां बाहर कर दी जाएंगी। ऐसे में इस बार 692 वाहनों का पंजीयन किया जाएगा। इनमें 301 कैंटर व 391 जिप्सियों का नवीनीकरण किया जाएगा।
इसलिए बंद किया उत्पादन
सूत्रों के अनुसार पेट्रोल के निरंतर बढ़ते दामों के चलते जिप्सी की मांग निरंतर घटती जा रही है। जिप्सी की घटती मांग को देखते हुए कंपनी ने जिप्सी का उत्पादन बंद करने का फैसला किया है। हालांकि कंपनी की ओर से सेना के लिए जिप्सी का उत्पादन किया जाएगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की है मंशा
वन विभाग रणथम्भौर में प्रदूषण व शोर कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का संचालन शुरू करने पर विचार कर रहा है। गौरतलब है कि विभाग ने गत वर्ष व उससे पूर्व रणथम्भौर में इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन के लिए ट्रायल किया था।
पूर्व में हो चुके हादसे
विभाग ने कार का इंजन लगे कैंटरों का संचालन शुरू किया था, लेकिन जंगल की चढ़ाई पर कैंटरों का दम निकल गया था और कैंटर पलट गया था।

इनका कहना है…
रणथम्भौर में पर्यटन वाहनों की संख्या पर्याप्त है। इसलिए नए वाहनों का पंजीयन नहीं किया जा रहा है। जिप्सी का उत्पादन बंद करना कंपनी का निजी फैसला है। रणथम्भौर में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की योजना है।
– अजीत सक्सेना, उपवन संरक्षक(पर्यटन),रणथम्भौर, सवाईमाधोपुर।
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