पहले चरण में राजस्थान व उत्तरप्रदेश में होगा सर्वे
योजना के तहत पहले चरण में राजस्थान व उत्तराखण्ड दो राज्यों के टाइगर रिजर्व में बिडाल परिवार की प्रजातियों का सर्वे किया जाएगा। इसमें फिलहाल उत्तरप्रदेश में यह काम शुरू भी कर दिया गया है। यहां सर्वे का काम पूरा होने के बाद राजस्थान के टाइगर रिजर्व में यह शुरू किया जाएगा। सरकार की मंशा देश भर के टाइगर रिजर्व में बिडाल परिवार की प्रजातियों का अध्ययन कर उनकी संख्या के आंकड़े जुटाने की है। इसके लिए योजना के दूसरे चरण देश भर के टाइगर रिजर्व में बिडाल परिवार की गणना कराई जाएगी।
आंकड़ों की नजर में प्रोजेक्ट
02 प्रदेशों के टाइगर रिजर्व का होगा सर्वे
06 टाइगर रिजर्व में बिडाल परिवार का सर्वे
03 टाइगर रिजर्व है यूपी में
03 टाइगर रिजर्व है राजस्थान में रणथम्भौर में सात प्रजातियां
रणथम्भौर को बाघों के कारण जाना जाता है, लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि रणथम्भौर में बाघ के अलावा छह और प्रजातियों की बिल्ली पाई जाती है। इनमें बघेरा, फिशिंग केट, रस्टी स्पोटेड केट, डेजर्ट केट, जंगल केट व केरेकल शामिल हैं।
वैज्ञानिक करेंगे सर्वे
सर्वे के लिए सरकार की ओर से वन विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। इस काम का जिम्मा नेशनल सेंटर फॉर बॉयोलोजिकल साइसेंज के वैज्ञानिकों को सौंपा गया है। इसी के तहत गत माह नेशनल सेंटर फॉर बॉयोलोजिकल साइसेंज के वैज्ञानिकों की टीम ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व का दौरा भी किया था। इसके बाद जल्द ही टीम के दुधवा, अमनगढ़ टाइगर रिजर्व में जाने के आसार हैं।
टाइगर रिजर्व में बिड़ाल परिवार की प्रजातियों का सर्वे कराया जा रहा है अभी इसे उत्तरप्रदेश में शुरू किया गया है। जल्द ही रणथम्भौर सहित प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व में भी शुरू होने के आसार हैं।
अरविंद झा, एसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर