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कालांशों के बोझ तले दबा कॉलेज

locationसवाई माधोपुरPublished: Sep 15, 2018 01:30:25 pm

Submitted by:

Rajeev

गंगापुरसिटी . राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बच्चों को बेहतर तालीम देने में व्याख्याताओं को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। वजह, कॉलेज में करीब एक दर्जन से अधिक रिक्त पदों के चलते यहां तैनात व्याख्याता चक्करघिन्नी बने हुए हैं। अमूमन एक व्याख्याता १८ कालांश पढ़ाता है, लेकिन कई विषयों के व्याख्याता यहां नहीं होने के कारण प्रोफेसर को २४ कालांश तक पढ़ाने पड़ रहे हैं। ऐसे में पढ़ाई का ढर्रा खासा मुश्किल हो रहा है।

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कालांशों के बोझ तले दबा कॉलेज

गंगापुरसिटी . राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बच्चों को बेहतर तालीम देने में व्याख्याताओं को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। वजह, कॉलेज में करीब एक दर्जन से अधिक रिक्त पदों के चलते यहां तैनात व्याख्याता चक्करघिन्नी बने हुए हैं। अमूमन एक व्याख्याता १८ कालांश पढ़ाता है, लेकिन कई विषयों के व्याख्याता यहां नहीं होने के कारण प्रोफेसर को २४ कालांश तक पढ़ाने पड़ रहे हैं। ऐसे में पढ़ाई का ढर्रा खासा मुश्किल हो रहा है।

विद्यार्थियों की पढ़ाई अच्छे तरीके से हो सके इसके लिए कुछ सेवानिवृत (पेय माइनस पेंशन) पर भी व्याख्याता लगाए गए हैं, लेकिन आरपीएससी से व्याख्याता कम आने के कारण यहां व्याख्याताओं को पढ़ाई सुचारू रखने में काफी जोर लगाना पड़ रहा है। कई मर्तबा इस संबंध में कॉलेज प्रशासन की ओर से लिखा भी गया है, लेकिन अभी तक पूरे पद नहीं भरे गए हैं। हाल ही में आरपीएससी की ओर से फिजिक्स एवं हिन्दी के व्याख्याता लगाए भी गए हैं, लेकिन अभी भी बहुतेरे पद रिक्त चल रहे हैं। इस कारण करीब ३६२० विद्यार्थियों की पढ़ाई सुगम नहीं हो पा रही है।
आलम यह है कि कई विषय व्याख्याता एक-एक ही हैं। उनके छुट्टी पर रहने पर पढ़ाई का ढर्रा एकदम चरमराता नजर आता है। आलम यह है कि राजकीय महाविद्यालय में पूरे व्याख्याता नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विद्यार्थियों ने बताया कि कई विषय व्याख्याता नहीं होने के कारण उन्हें निजी कोचिंग सेंटरों पर जाकर ट्यूशन तक करना पड़ रहा है। कॉलेज में व्याख्यताओं की कमी के चलते उनकी पढ़ाई भी खास प्रभावित हो रही है।

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य रामकेश मीना का कहना है कि कॉलेज में व्याख्याताओं के पद रिक्त हैं। इसके लिए सरकार एवं आरपीएससी को अवगत कराते हैं। वैसे अन्य कॉलेजों से तो यहां स्थिति ठीक है। हमें एक-दो व्याख्याता अभी मिले भी हैं। उम्मीद है कि और व्याख्याता भी जल्द मिल जाएंगे। इससे यहां बेहतर पढ़ाई हो सकेगी।

यह नहीं हैं व्याख्याता


राजनीति विज्ञान ४
अंग्रेजी १
अर्थशास्त्र १
इतिहास ३
गणित १
एबीएसटी (लेखा एवं व्यावसायिक सांख्यिकी) २
ईएएफएम (कॉमर्स) १

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