1 लाख 39 हजार निकले बकाया
मामले की वन विभाग की ओर से जांच की गई। जांच के दौरान विभाग ने रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान के सभी एंट्री प्वाइंटों से वाहनों के प्रवेश के रेकॉर्ड को खंगाला। साथ ही विभाग की ओर से वाहनों में लगे जीपीएस सिस्टम की रिपोर्ट भी मंगवाई गई। साथ ही जोन चेंज के शुल्क की जांच की गई तो पता चला कि सभी वाहनों ने अतिरिक्त शुल्क देकर जोन चेंज कराया था, लेकिन यह पैसा विभाग के पास जमा नहीं हुआ। ऐसे में विभाग के कुल 1 लाख 39 हजार रुपए बकाया निकले।
कार्मिकों ने जमा नहीं कराई राशि
जांच के दौरान विभाग ने यह भी जांच की कि कौनसे वाहन का जोन चेंज टिकट विण्डो पर काम करने वाले किस कार्मिक की ओर से किया गया है। इसके लिए जोन चेंज की पर्चियों को खंगाला गया। तो विण्डो के कार्यरत दो कार्मिकों के डाटा में कमी मिली। इसके बाद दोनों कार्मिकों ने मिलकर विभाग को बकाया 1 जाख 396 हजार की राशि जमा कराई।
यह था मामला
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ऑनलाइन बुकिंग में निर्धारित वाहनों की संख्या के आधार पर ही वाहनों को जोन अलॉट किया जाता है। वहीं टिकट में जारी किए गए जोन में ही वाहनों को प्रवेश की अनुमति दी जाती है। अगर पर्यटक को अपने जोन में बदलाव कराना है तो इसके लिए पर्यटक को एक हजार रुपए अतिरिक्त शुल्क देना होता है। साथ ही जोन में वाहनों की संख्या भी पूरी नहीं होनी चाहिए, लेकिन वन विभाग को पूर्व में पर्यटकों को गलत जोन में भेजे जाने की शिकायत मिली थी।