पुलिस के अनुसार मोहित तीन-चार साल पहले एक निजी हॉस्पिटल में काम करता था। प्रियंका अपने बच्चों को स्कूल बस में बैठाने के लिए निजी हॉस्पिटल के पास आती थी। इस दौरान दोनों में प्रेम प्रसंग हो गया। बाद में प्रियंका एक निजी क्लिनिक में काम करने लगी। इससे दोनों को मिलना-जुलना आसान हो गया। इस बात की भनक प्रियंका के पति को लगी तो उसने पत्नी को नौकरी से हटा लिया। साथ ही एक माह से अपने माता-पिता को गांव जाहिरा से बुला कर अपने घर पर रख लिया। इससे प्रियंका और मोहित का मिलना जुलना बंद हो गया।
पुलिस के अनुसार वारदात को अंजाम देने के बाद मोहित बार-बार प्रियंका के निजी मोबाइल नम्बरों पर फोन कर रहा था, लेकिन पुत्र के जगने के कारण वह फोन रिसीव नहीं कर पा रही थी। इस दौरान प्रियंका अपनी जानी-पहचानी सिम से मोहित को एसएमएस कर बैठी। कॉल डिटेल की जांच के दौरान यह बात सामने आने पर पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर गहनता से पूछताछ की तो उन्होंने गुनाह कबूल कर लिया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक समीर सिंह ने खुलासे के लिए विशेष टीम को गठन किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु व पुलिस उपाधीक्षक नरेन्द्र शर्मा के निर्देशन में सदर थाना प्रभारी कन्हैयालाल, उप निरीक्षक केदारनाथ, एएसआई कृष्णावतार, अजीतसिंह, कांस्टेबल राजमल, नवदीप सिंह, अनीता व कोतवाली थाने के हैड कांस्टेबल पुष्पेन्द्र सिंह टीम में शामिल थे। पुलिस ने मृतक और उसकी पत्नी के कॉल डिटेल की जांच की। घटना की रात मृतक की पत्नी के मोबाइल से मोहित के फोन पर एसएमएस होना पाया गया। इस पर पुलिस टीम ने कड़ी जोड़ते हुए मामले का खुलासा कर दिया। पुलिस दोनों आरोपितों से पूछताछ कर रही है।
पुलिस के अनुसार जाहिरा में कार्यरत शिक्षक की हत्या से पहले आरोपित मोहित ने 6 जनवरी को गुप्त रूप से प्रियंका को नींद की गोली पहुंचा दी। इन गोलियों को प्रियंका ने राबड़ी में मिला कर पूरणमल को खिला दी। जब पूरणमल को गहरी नींद आ गई तो प्रियंका ने प्रेमी को मोबाइल कर घर बुला लिया। योजना के अनुसार मोहित द्वारा साथ लाई गई रस्सी से उसका गला घोट दिया।