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शिफ्टिंग के लिए बाघों पर मंथन शुरू, बाघों के चयन में जुटे अधिकारी, मुकुंदरा, सरिस्का व रामगढ़ भेजे जाएंगे बाघ

locationसवाई माधोपुरPublished: Oct 12, 2019 05:14:35 pm

Submitted by:

Vijay Kumar Joliya

बाघों के चयन में जुटे अधिकारी: एनटीसीए ने छह बाघों को शिफ्ट करने की दी है अनुमति

शिफ्टिंग के लिए बाघों पर मंथन शुरू, बाघों के चयन में जुटे अधिकारी, मुकुंदरा, सरिस्का व रामगढ़ भेजे जाएंगे बाघ

Mukundara, Sariska and Ramgarh

सवाईमाधोपुर. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथोरिटी (एनटीसीए) की ओर से रणथम्भौर से अन्यत्र बाघों को शिफ्ट करने की अनुमति मिलने के बाद अब रणथम्भौर में भी बाघों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अधिकारी शिफ्टिंग के लिए बाघों को चयनित करने में जुट गए हैं। विभागीय सूत्रों की माने तो रणथम्भौर में प्राथमिक स्तर पर बाघों के चयन की प्रक्रिया शुरू की गई है, लेकिन अंतिम निर्णय बाद में किया जाएगा।

ऐसे बाघों को भेजा जाएगा
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रणथम्भौर में ऐसे करीब 15 बाघ हैं, जो अपनी टेरेटरी नहीं बना पा रहे हंै और उनका विचरण जंगल की सीमा पर ही बना हुआ है। ऐसे में ये बाघ बार- बार आबादी क्षेत्र का रुख करते है। विभाग की मंशा ऐसे ही बाघों को रणथम्भौर से शिफ्ट करने की है।

इनमें से हो सकता है बाघ-बाघिनोंं का चयन
वन अधिकारियों ने बताया कि रणथम्भौर में टी-97, टी-66, टी-62, टी-99, टी-100, टी-110, टी-79, टी-48,टी-69, टी-96, टी-108, टी-64, टी-74 समेत कई अन्य बाघों का मूवमेंट भी जंगल की सीमा के आसपास बना रहता है। इनमें से अधिकतर बाघ आए दिन कुण्डेरा, खण्डार, फलौदी आदि क्षेत्रों में आबादी के निकट विचरण करते हैं। इसके अतिरिक्त बाघिन टी-102, टी-107 आदि पर भी विचार किया जा रहा है। गौरतलब है कि टी-102 व 107 को पूर्व में मुकुंदरा शिफ्ट करने के लिए विभाग की ओर से चिह्नित किया गया था, लेकिन बाद में टी-106 को मुकुं दरा भेजा गया था।

टी-64 को भेजा जा सकता है सरिस्का
सूत्रों के अनुसार सरिस्का में फिलहाल बाघिन नहीं भेजी जाएगी। यहां दो नर बाघों को शिफ्ट किया जाएगा। सूत्रों की माने के रणथम्भौर के आठ साल के बाघ टी-64 को सरिस्का भेजा जा सकता है। बाघिन टी-19 (कृष्णा) की संतान टी-64 को पूर्व में भी सरिस्का भेजने के लिए चिह्नित किया गया था, लेकिन बाद में टी-75 को सरिस्का भेजा गया था।

टी-110 को भेजा जा सकता है मुकुंदरा
इसी प्रकार मुकुंदरा भेजने के लिए बाघ टी-110 वन विभाग की पहली पसंद माना जा रहा है। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की सेल्जर रेंज में बाघ बाघिन का एक जोड़ा शिफ्ट किया जाएगा। इसमें से बाघ टी-110 हो सकता है। इसका मुख्य कारण यह है कि यह बाघ रणथम्भौर में नहीं टिक रहा है। यह बाघ बार-बार सुल्तानपुर के जंगलों की ओर निकल रहा है। पूर्व में भी इस बाघ को सेल्जर शिफ्ट करने की कवायद की गई थी, लेकिन बाद में यह बाघ वापस रणथम्भौर आ गया था। गौरतलब है कि एनटीसीए की ओर से सेल्जर में बाघ शिफ्टिंग की अनुमति पूर्व में ही दी जा चुकी है।

रेडियो कॉलर लगा कर छोड़े जाएंगे बाघ

वनाधिकारियों ने बताया कि रणथम्भौर से मुकंदरा, रामगढ़ व सरिस्का भेजे जाने वाले बाघ बाघिनों के गले में जीपीएस रेडियो कॉलर लगाया जाएगा। बाघों के लिए रेडियो कॉलर जर्मनी से मंगाए जाएंगे।

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