क्या है मामला
दर्ज रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रार्थी की ग्लिट्स हॉस्पिलिटी एक पार्टनरशिप फर्म है। जिसमें प्रार्थी की पत्नी स्मिता रेलिया अग्रवाल एक पार्टनर है। फर्म ने रणथम्भौर सफारी लॉज यूनिट ऑफ मैसर्स सनी विलास रणथम्भौर रोड सवाईमाधोपुर के पार्टनर खिलाड़ीलाल बैरवा पुत्र नारायण लाल बैरवा एवं सन्नी बैरवा पुत्र खिलाड़ीलाल बैरवा से एक होटल सन्नी विलास 1 अगस्त 2015 से लीज पर लिया था। ये लीज नौ साल के लिए ली गई थी। जो 2024 में पूरी होनी थी। लीज के संबंध में पत्र निष्पादित भी किया गया। इसके बाद से वह उक्त लीज शुदा होटल में होटल ग्लिट्स के नाम से व्यवसाय कर रहा है। लीज लेते समय ये होटल जीर्ण-शीर्ण हालत में थी। होटल की भौतिक स्थिति खराब थी। प्राथी का कहना है कि उसने अपने श्रम से इसमें सुधार कर काफी अच्छी स्थिति में लाकर संचालित कर रहा था। इसमें प्रार्थी का काफी पैसा भी खर्च हुआ।
आरोप है कि उक्त होटल ने बाजार में जब अच्छी साख जमा ली तो आरोपियों ने धोखाधड़ी की नियत से अनावश्यक दबाव बनाना शुरू कर दिया और मनमर्जी से होटल में सुधार कराए। परिवादी ने रिपोर्ट में आरोप लगया कि 12 जून शाम को खिलाड़ीलाल बैरवा ( Baseri MLA ) एवं पुत्र सन्नी बैरवा सहित 5-6 लोग होटल आए और मौजूद स्टाफ से सभी कमरों की चाबियां मांगी, आरोप है कि उनको धमकाया कि मैं कांग्रेस सरकार ( congress ) में एमएलए हूं और मेरी सरकार है। मैं तुम्हारी पिटाई करा दूंगा। एससी-एसटी के मुकदमे में फंसा दूंगा। जमानत भी नहीं होने दूंगा। आरोप है कि स्टाफ को बाहर निकाल दिया और होटल के ताला लगा दिया। खुद अंदर चला गया। ग्लिटस का बोर्ड भी तोड़ दिया।
नोटिस भी नहीं दिया
परिवादी ने बताया कि 12 जून को मैं बाहर था। अगले दिन जब होटल पहुंचा तो उसे अंदर घुसने नहीं दिया और कहा कि इस होटल से तुम्हारा कोई लेना देना नहीं है। परिवादी का आरोप है कि विधायक ने अपनी राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल कर लीज शुदा होटल पर कब्जा करते हुए सारा सामान व 50 हजार रुपए रख लिए। परिवादी का ये भी कहना है कि अगर होटल खाली कराना था तो तीन माह का नोटिस दिया जाना चाहिए था, लेकिन वह भी नहीं दिया। उधर, इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
इनका कहना है…
ये आपसी विवाद है। इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है। मामला देखने व जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट की जा सकेगी। समीर कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक, सवाईमाधोपुर