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मेलों के फेर में उलझ सकता है किसानों का मुआवजा, कृषि पर्यवेक्षकों को तीन दिन में 3000 मेले के आयोजन का दिया लक्ष्य

locationसवाई माधोपुरPublished: Sep 25, 2019 09:23:54 pm

Submitted by:

Vijay Kumar Joliya

पूर्व में 5500 मेले का किया जा चुका है आयोजन, फसल खराबे सर्वे का काम हो रहा प्रभावित

मेलों के फेर में उलझ सकता है किसानों का मुआवजा, कृषि पर्यवेक्षकों को तीन दिन में 3000 मेले के आयोजन का दिया लक्ष्य

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सवाईमाधोपुर. जिले में औसत से अधिक बारिश होने के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो रही है। ऐसे में किसान परेशान है। किसानों ने अपनी बची कुची फसल की कटाई का काम भी शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन की ओर से किसानों को राहत पहुंचाने के लिए फसल खराबे के मुआवजे की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से जिले भर में फसल खराबे का सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के बाद किसानों को फसल खराबे का मुआवजा दिया जाएगा। लेकिन जिले में किसानों का मुआवजा अब कृषि मेलों के फेर में उलझता नजर आ रहा है। जिला प्रशासन की ओर से कृषि पर्यवेक्षकों को तीन दिन में जिले की हर ग्राम पंचायतों में 3 हजार मेलों का आयोजन और कराना है। ऐसे में अब मेलों के आयोजन के काम के चलते फसल खराबे के सर्वे का काम प्रभाावित हो रहा है।

5500 मेले का हो चुका है आयोजन
कृषि पर्यवेक्षकों की ओर से अगस्त से सितम्बर तक जिले में पूर्व में 5500 कृषि मेलों का आयोजन किया जा चुका है। इसमें किसानोंं को सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। अब जिला प्रशासन की ओर से आगामी तीन दिनों में जिले भर में 3 हजार मेलों का और आयोजन करने का लक्ष्य कृषि पर्यवेक्षकों को दिया गया है।

रिक्त पदों से हो रही परेशानी
जिले भर में कृषि विभाग की ओर से कृषि पर्यवेक्षकों के 150 पद स्वीकृत है, लेकिन वर्तमान में जिले में महज 95 कृषि पर्यवेक्षक ही कार्यरत है। जिले में 55 कृषि पर्यवेक्षकों के पद रिक्त है। ऐसे में भी कामकाज प्रभावित हो रहा है।

नेटवर्क नहीं आने से हो रही समस्या
कृषि विभाग की ओर से पर्यवेक्षकों के माध्यम से जिले की सभी 200 ग्राम पंचायतोंं में किसानों की फसल खराबे व कटाई का सर्वे किया जा रहा है। इसके लिए मोबाइल एप का उपयोग किया जा रहा है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क काम नहीं करने के कारण भी सर्वे का काम प्रभावित हो रहा है। इसके साथ ही गिरदावरी नहीं होने की भी समस्या बनी हुई है। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार फसल कटाई सर्वे का काम 10 अक्टूबर तक जारी रहेगा। इधर, कृषि पर्यवेक्षकों का कहना है कि नेटवर्क व गिरदावरी की समस्या के चलते सर्वे में समय लग रहा है। इसके चलते उन्हें इस काम के लिए और समय की आवश्यकता है।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी को सौंपा ज्ञापन
कृषि पर्यवेक्षक संयुक्त संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कृषि मेले के आयोजन को स्थगित करने की मांग की है। कृषि पर्यवेक्षकों ने बताया कि मेले के आयोजन की तैयारियों के कारण फसल कटाई व खराबे के सर्वे का काम प्रभावित होगा और किसानोंं को समय पर मुआवजा नहीं मिल सकेगा। इस दौरान बलवीर मीणा, सत्यकुमार सिंह आदि मौजूद थे।

इनका कहना है….
इस संबंध में कृषि पर्यवेक्षकों ने ज्ञापन सौंपा है। दोनों ही काम जरूरी है। ऐसे में उच्च अधिकारियों से चर्चा के बाद ही कोई निर्णय किया जाएगा।
– सुरेश कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, सवाईमाधोपुर।
प्रशासन की ओर से तीन दिन में जिले में तीन हजार मेले के आयोजन का लक्ष्य दिया गया है। इससे फसल कटाई व खराबे सर्वे का काम प्रभावित हो रहा है। प्रशासन को मेले के आयोजन की तिथियों में बदलाव करना चाहिए।
– सुरेश चन्द स्वर्णकार, अध्यक्ष, राजस्थान कृषि स्नातक संघ, सवाईमाधोपुर।
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